यह ख़बर 04 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

रेलवे रिश्वत कांड : बंसल का भांजा गिरफ्तार, विपक्ष के तेवर आक्रामक

खास बातें

  • रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी को रेलवे बोर्ड का सदस्य नियुक्त कराने के लिए उनसे 90 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे तथा तीन अन्य को गिरफ्तार किया।
नई दिल्ली:

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी को रेलवे बोर्ड का सदस्य नियुक्त कराने के लिए उनसे 90 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे तथा तीन अन्य को गिरफ्तार किया। तीनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

मामला उजागर होने के तुरंत बाद रेल मंत्री ने पूरे प्रकरण से खुद को अलग बताया। लेकिन विपक्ष ने आक्रामक तेवर अपनाते हुए उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस ने हालांकि मुख्य विपक्षी दल की मांग को खारिज करते हुए इसे 'बीमारी' करार दिया।

सीबीआई की टीम ने बंसल के भांजे व चण्डीगढ़ के व्यवसायी विजय सिंगला, उनके मित्र संदीप गोयल, धर्मेंद्र कुमार तथा विवेक कुमार को चण्डीगढ़ से गिरफ्तार किया और उन्हें दिल्ली ले आई। उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश स्वर्ण कांत शर्मा ने 'अपराध की प्रकृति को देखते हुए' उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा।

अदालत ने कहा, "अपराध की प्रकृति को देखते हुए हिरासत में लेकर पूछताछ आवश्यक लगता है, ताकि इसका पता लगाया जा सके कि रिश्वत की रकम कहां से आई, इस मामले में वास्तविक लाभार्थी कौन हैं और प्राथमिकी में जिन लोगों के नाम हैं, उनके अतिरिक्त कौन इस षडयंत्र में शामिल थे।"

धर्मेंद्र तथा विवेक पर रिश्वत की रकम शुक्रवार शाम को सिंगला तक पहुंचाने का आरोप है। सीबीआई ने इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पांचवां गिरफ्तार व्यक्ति मंजूनाथ है, जिस पर मध्यस्थ होने का आरोप है।

सिंगला पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी महेश कुमार से उन्हें रेलवे बार्ड का सदस्य नियुक्त कराने के लिए उनसे 90 लाख रुपये लेने का आरोप है। कुमार को शुक्रवार रात मुंबई में गिरफ्तार किया गया, जब वह नई दिल्ली से मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। उन्हें गुरुवार (दो मई) को ही रेलवे बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया। इससे पहले वह पश्चिम रेलवे में महाप्रबंधक थे। उन्हें दिल्ली लाए जाने की संभावना है।

भांजे की गिरफ्तारी के बाद बंसल तुरंत अपने संसदीय क्षेत्र चण्डीगढ़ से दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके 7 रेसकोर्स रोड स्थित आवास पर मुलाकात की। उन्होंने एक बयान भी जारी किया, जिसमें पूरे मामले से खुद को अलग बताया। उन्होंने कहा, "मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और न ही भांजे से कोई कारोबारी लेनदेन है। मैंने अपने सार्वजनिक जीवन में अधिक ईमानदारी व शुचिता बनाए रखी। रिश्तेदार मेरे आधिकारिक कार्यो में हस्तक्षेप नहीं करते और न ही निर्णयों को प्रभावित करते हैं।"

मामला सामने आने के बाद भाजपा ने बंसल को रेल मंत्री के पद से बर्खास्त करने और उन पर मुकदमा चलाने की मांग की। भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हम केवल बंसल को मंत्री पद से हटाने की नहीं, बल्कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 13 के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मुकदमा चलाने की मांग भी कर रहे हैं।"

भाजपा ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी इस्तीफा मांगा। प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। उनके नेतृत्व में देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार चल रही है। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को 'धूर्त एवं चालाक' लोगों की सरकार बताया।

आम आदमी पार्टी (एएपी) ने भी मनमोहन सिंह से बंसल को बर्खास्त करने की मांग की। पार्टी ने कहा कि रेल मंत्री के इस दावे पर यकीन करना नामुमकिन है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी।

वहीं, कांग्रेस ने विपक्ष की मांगों को खारिज करते हुए इसे उनका 'रोग' बताया। पार्टी के महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "इस्तीफा मांगना विपक्ष की आदत बन गई है। मंत्रियों से इस्तीफा मांगना विपक्ष की बीमारी बन गई है।" बंसल का बचाव करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि रेल मंत्री पहले ही इस मामले में अपना पक्ष रख चुके हैं।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वहीं, रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने रेलवे में भ्रष्टाचार पर चिंता जताई। एक टीवी चैनल पर चौधरी ने कहा, "पिछले कुछ दशकों में रेलवे भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। हमारा नेतृत्व और यहां तक कि प्रधानमंत्री रेलवे को उचित तरीके से काम करते देखना चाहते हैं।"