झारखंड में करारी हार के बाद अब बीजेपी को बाबूलाल मरांडी का सहारा, 'घर वापसी' की तैयारी शुरू

बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को राज्य में पार्टी की कमान देने के लिए तैयार है. इस बारे में कोई औपचारिक घोषणा 14 जनवरी के बाद की जायेगी.

झारखंड में करारी हार के बाद अब बीजेपी को बाबूलाल मरांडी का सहारा, 'घर वापसी' की तैयारी शुरू

बाबूलाल मरांडी कभी झारखंड में बीजेपी का चेहरा रह चुके हैं

खास बातें

  • पार्टी की कमान देने को तैयार है बीजेपी
  • बाबूलाल मरांडी रह चुके हैं बीजेपी नेता
  • बीजेपी को है आदिवासी नेता की तलाश
रांची:

बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को राज्य में पार्टी की कमान देने के लिए तैयार है. इस बारे में कोई औपचारिक घोषणा 14 जनवरी के बाद की जायेगी. बाबूलाल मरांडी में पार्टी को अपना भविष्य दिखता है इसका संकेत उस समय देखने को मिल गया जब हाल में झारखंड विधानसभा के सत्र में राज्य के राजनीतिक इतिहास में पहली बार किसी को विपक्ष का नेता नहीं बनाया गया. जिसके कारण सदन में बीजेपी विधायक दल का कोई नेता नहीं था. बाबूलाल को पार्टी में वापस लाने की मुहिम में लगे लोगों का कहना है कि ये क़दम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अध्यक्ष अमित शह की सहमति से हो रहा है.

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बाबूलाल ने मौन रूप से अपनी सहमति तो दे दी है लेकिन कुछ मुद्दों पर अभी भी दोनो पक्षों की तरफ़ से विचार विमर्श जारी है.  बाबूलाल के वापस पार्टी में लाने के पीछे केंद्रीय नेतृत्व की सोच है कि आदिवासी वोटर को वापस लाने के लिए एक चेहरा चाहिए.  झारखंड चुनाव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के रहते हुए भी दुर्गति हो गयी इसलिए बाबू लाल मरांडी पर दांव खेला जाए. उनकी अभी भी एक ईमानदार नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में अच्छी छवि है. विधानसभा चुनाव के दौरान यह भी माना जा रहा था कि उनके अधिकांश उम्मीदवार बीजेपी के इशारे पर मैदान में थे. 

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