यह ख़बर 15 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

थाना प्रभारियों के तबादले और मोदी का होर्डिंग हटाने पर भाजपा ने सरकार पर हमला किया

नई दिल्ली:

चुनाव के नतीजों में हेर-फेर के लिए दिल्ली में ‘अघोषित आपातकाल’ लगाए जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी का होर्डिंग हटाने और शहर के एक थाना प्रभारी का स्थानांतरण करने के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना की। उसने पुलिस पर विपक्षी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने के लिए शीला दीक्षित सरकार के साथ सांठ-गांठ रखने का आरोप लगाया।

भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस सरकार पर ‘मोदी फोबिया’ का शिकार होने का आरोप लगाया। उन्होंने शहर के 40 थाना प्रभारियों के तबादले पर भी सवाल खड़े किए जबकि सिर्फ 19 का स्थानांतरण किए जाने की जरूरत थी। उन्होंने चुनाव आयोग पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य में विफल रहने का आरोप लगाया।

पार्टी ने आरोप लगाया कि शेष 21 थाना प्रभारियों का तबादला चुनाव प्रक्रिया के नतीजों में हेर-फेर करने के उद्देश्य से किया गया है। भाजपा ने उनके स्थानांतरण आदेश को वापस लेने की मांग की। पार्टी ने कहा कि अगर दिल्ली चुनाव आयोग ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे अदालत जाएंगे।

दिल्ली भाजपा कार्यालय में लेखी ने कहा, ‘दिल्ली में फिलहाल अघोषित रूप में आपातकाल है और यह चुनाव और चुनाव प्रक्रिया के नतीजों में हेर-फेर के लिए है। इसी परिप्रेक्ष्य में थाना प्रभारियों के तबादले को तत्काल किए जाने की जरूरत है और अगर चुनाव आयोग तत्काल कार्रवाई नहीं करता है तो हम अदालत जाएंगे।’

भाजपा की शिकायत के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि वह मुद्दे को देख रहा है। दिल्ली को पुलिस राज्य में वस्तुत: तब्दील किए जाने का दावा करते हुए उन्होंने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को जरूरी कदम नहीं उठाने के लिए चुनाव आयोग पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा कार्यकर्ताओं को नियमित रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘सरकार ने इन नियुक्तियों को चुनाव प्रक्रिया के नतीजे को सीधे तौर पर प्रभावित करने के लिए चुना है। चुनाव आयोग के स्वतंत्र संस्था होने के सिद्धांत को लागू करके इस तरह के फैसलों के लिए सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने की उम्मीद है। इस तरह के फैसले करने में विफलता पुलिस, कांग्रेस और चुनाव आयोग के बीच साठगांठ को दर्शाती है।’

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उन्होंने आरोप लगाया कि 21 थाना प्रभारियों का तबादला करने का अवैध कृत्य चुनावी फायदा लेने के उद्देश्य से किया गया है।