पश्चिम बंगाल के दौरे पर अमित शाह : दलित और मटुआ परिवार के साथ खाएंगे खाना, TMC ने बताया 'पॉलिटिकल स्टंट'

बीजेपी नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि अमित शाह ही पार्टी का नेतृत्व अगले साल के चुनावों में करेंगे. बता दें कि कोविड-19 महामारी के बाद से शाह की राज्य में पहली यात्रा है. वह इससे पहले एक मार्च को यहां आए थे.

पश्चिम बंगाल के दौरे पर अमित शाह : दलित और मटुआ परिवार के साथ खाएंगे खाना, TMC ने बताया 'पॉलिटिकल स्टंट'

अमित शाह ही अगले साल पश्चिम बंगाल के चुनावों में बीजेपी का नेतृत्व करेंगे.

कोलकाता :

गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह (Amit Shah) बुधवार को अपने दो दिवसीय दौरे के लिए पश्चिम बंगाल पहुंचे हैं. शाह की इस यात्रा का एजेंडा अगले साल होने वाले चुनावों के लिए पार्टी की राज्य में तैयारियों का जायजा लेना है. शाह जिस दिन यहां पहुंचे, उस दिन बीजेपी कोलकाता में सेंट्रल एवेन्यू में मार्च निकाल रही थी. यहां उसकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई. ऐसे में पार्टी जता रही है कि वो अभी से लड़ाई के मूड में है. बीजेपी नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि अमित शाह ही पार्टी का नेतृत्व अगले साल के चुनावों में करेंगे. बता दें कि कोविड-19 महामारी के बाद से शाह की राज्य में पहली यात्रा है. वह इससे पहले एक मार्च को यहां आए थे.

बुधवार की रात शाह कोलकाता में ठहरे रहे. आज वो सबसे पहले बांकुड़ा जााएंगे जहां जंगलमहल में वो पार्टी कार्यकर्ताओं और समाज के विभिन्न नेताओं के साथ बैठक करेंगे. यहां जनजाति आबादी ज्यादा रहती है और यहां कभी माओवादियों का कब्जा हुआ करता था. शाह पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से की 70 विधानसभा सीटों के कार्यकर्ता इस बैठक में शिरकत करेंगे. इसके अलावा शाह बांकुड़ा जिले के चतुर्धी गांव के एक दलित परिवार के यहां दोपहर का भोजन करेगे. 

शुक्रवार को शाह मटुआ समुदाय के एक परिवार के साथ भोजन करेंगे. मटुआ समुदाय पूर्वी पाकिस्तान से आता है और उसकी मांग नागरिकता संशोधन कानून के तहत नागरिकता देने का है. इस समुदाय ने 2019 में बीजेपी को वोट दिया था, लेकिन फिलहाल उनके युवा सांसद शांतनु ठाकुर इस कानून को लागू करने में हो रही देरी को लेकर शिकायती मोड में हैं. एक मटुआ परिवार के साथ खाना खाकर शाह यह जताना चाहते हैं कि उनकी चिंताओं की तरफ उनका ध्यान है और इसके साथ ही वो बंगाल के चुनावी मैदान में सीएए को खासतौर पर आगे रखना चाहते हैं.

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कानून का पूरे जोर-शोर से विरोध किया था. बुधवार को भी उन्होंने समुदाय के कुछ लोगों को जमीनी पट्टा बांटा था. तृणमूल के सांसद सौगत रॉय ने कहा कि 'सबको पता है कि यह सब पॉलिटिकल स्टंट है. अमित शाह ने पहले भी एक दलित परिवार और फिर 2016 में आदिवासी परिवार के साथ खाना खाया था. मुझे नहीं लगता कि उनकी यात्रा में कुछ खास है, सिवाय इस बात के कि कुछ बीजेपी नेताओं को बंगाल में आर्टिकल 356 की मांग करने का मौका मिल जाएगा.'

उन्होंने कहा कि 'यहां तक कि इस मुद्दे पर भी बीजेपी बंटी हुई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष इसके खिलाफ हैं. अमित शाह शायद स्थानीय बीजेपी में सुलह कराने आ रहे हैं.' हालांकि बीजेपी ने पार्टी में किसी तरह का विवाद होने की बात को खारिज किया है.

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