केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी- फाइल फोटो
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में 8 से 10 दिन तक तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए देश-विदेश से दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे. जिसके चलते 100 से ज्यादा लोगों के कोरोनावायरस (Coronavirus) के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए. तेलगांना के 6 समेत सात कोरोनावायरस संक्रमितों की मौत के बाद सोमवार को निजामुद्दीन मरकज में रुके लोगों को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई. बुधवार सुबह निज़ामुद्दीन मरकज़ से सभी 2,100 लोगों को बाहर निकाला गया. मरकज़ मामले पर BJP नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने इस तबलीगी जमात को तालिबानी जुर्म बतलाया.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होने कहा, ''ये शुद्ध रूप से तबलीगी ज़मात का तालिबानी जुर्म है. इस तरह की आपराधिक कृति को किसी भी तरह से ना तो नज़रअंदाज किया जा सकता है ना ही माफ किया जा सकता है. ये एक अपराधिक लापरवाही है, जानबूझकर इस तरह की चीज़ों को किया गया है.''
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने मरकज़ प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज़ में शामिल हुए, जबकि मरकज़ के आसपास व दिल्ली के करीब 500 से ज्यादा लोग थे. तबलीगी जमात के इस कार्यक्रम में 200 से ज्यादा विदेशी लोगों के शामिल होने की खबर है.
मरकज़ में शामिल लोगों के इतने बड़ी संख्या में संक्रमित पाए जाने के बाद देश के विभिन्न राज्यों से इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है. साथ ही उन्हें क्वारंटाइन में रखने और उनका परीक्षण करने को आदेश दिया गया है. बताया जा रहा है कि मरकज़ में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के लोग शामिल हुए थे. अब इन लोगों की तलाश की जा रही है ताकि कोरोनावायरस के संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके.
दक्षिण दिल्ली की वह इमारत जहां निजामुद्दीन मरकज़ के तहत कई देशों के लोग पहुंचे थे. उसे केंद्र द्वारा कोरोनावायरस हॉटस्पॉट (जहां संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है) घोषित किया गया है. जानकारी के मुताबिक, 28 मार्च को गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर बताया था कि हमें सूचना मिली है कि तबलीगी जमात में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है, हमें आशंका है कि अन्य देशों से आए लोगों से कोरोनावायरस का संक्रमण फैल सकता है. तबलीग-ए-जमात 100 साल से ज्यादा पुरानी संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर दिल्ली की बस्ती निज़ामुद्दीन में है. यहां देश-विदेश से लोग लगातार साल भर आते रहते है.