अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर बीजेपी नेता ने पीएम मोदी की शिवाजी महाराज से की तुलना, कही ये बात

बीजेपी के सांसद विजय गोयल ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना एक बहुत ही साहसिक फैसला है. उन्होंने पीएम मोदी को 'भारत का एक और शिवाजी महाराज' करार दिया

अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर बीजेपी नेता ने पीएम मोदी की शिवाजी महाराज से की तुलना, कही ये बात

विजय गोयल ने कहा कि पीएम मोदी भारत के एक और शिवाजी महाराज हैं.

नई दिल्ली:

बीजेपी के सांसद विजय गोयल ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना एक बहुत ही साहसिक फैसला है. उन्होंने पीएम मोदी को 'भारत का एक और शिवाजी महाराज' करार दिया और कहा कि वह आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर लड़ाई लड़ रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधान को रद्द करने का निर्णय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को एक 'वास्तविक श्रद्धांजलि' है. गोयल ने कहा कि 'पीएम मोदी भारत के एक और शिवाजी महाराज हैं. जिस तरह शिवाजी ने बुरी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, उसी तरह मोदी भी आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर लड़ाई लड़ रहे हैं.'    

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राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केन्द्रशासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी. गृह मंत्री अमित शाह ने इस अनुच्छेद के कारण राज्य में विकास नहीं होने और आतंकवाद पनपने का दावा करते हुए आश्वासन दिया कि जम्मू कश्मीर को केन्द्रशासित क्षेत्र बनाने का कदम स्थायी नहीं है तथा स्थिति समान्य होने पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. 

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धारा 370 क्‍या है?

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- इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती.
- इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्‍त करने का अधिकार नहीं है.
- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती है.
- भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है.
- जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग है. वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं है.
- इसके तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है. यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते.
- भारतीय संविधान की धारा 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती.
- जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है.
- भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं.
- जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी. इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी.
- धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते हैं.
- कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू है.
- कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है.
- धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है.