मतदाताओं के छुट्टियों पर चले जाने के कारण अम्बाला में हार हुयी :भाजपा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निकाय चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर कहा कि ‘‘विपरीत परिस्थितियों के बावजूद’’ परिणाम संतोषजनक रहा.

मतदाताओं के छुट्टियों पर चले जाने के कारण अम्बाला में हार हुयी :भाजपा

प्रतीकात्मक तस्वीर

चंडीगढ़:

भारतीय जनता पार्टी के एक प्रवक्ता ने अम्बाला में महापौर पद के चुनाव में पार्टी की हार के लिए बृहस्पतिवार को वर्षांत की छुट्टियों को दोषी बताया और कहा कि छुट्टियों की वजह से भाजपा के प्रतिबद्ध मतदाता बाहर चले गये थे.दूसरी ओर संवाददाताओं के साथ बातचीत में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निकाय चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर कहा कि ‘‘विपरीत परिस्थितियों के बावजूद'' परिणाम संतोषजनक रहा. यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा इन चुनावों में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई, खट्टर ने कहा कि पार्टी ने ‘‘विपरीत परिस्थितियों के बावजूद'' संतोषजनक प्रदर्शन किया है.

हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या ‘‘विपरीत परिस्थिति'' थी, लेकिन ऐसा प्रतीत हुआ कि उनका संकेत केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शनों की ओर था. पंचकूला, अम्बाला और सोनीपत में रविवार को महापौर पदों के लिये हुये चुनाव में भाजपा सिर्फ पंचकूला में ही जीतने में कामयाब हो पाई जो प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा - जजपा गठबंधन के लिये एक बड़ा झटका है . भाजपा को जहां पंचकूला में जीत मिली वहीं कांग्रेस एवं हरियाणा जन चेतना पार्टी ने क्रमश: सोनीपत एवं अम्बाला में जीत दर्ज की . मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कोविड महामारी के बीच विभिन्न तबकों के लिए अपनी सरकार द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं का भी जिक्र किया.

अम्बाला में महापौर चुनाव में भाजपा की हार के बारे में प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि इसका एक कारण पार्टी के कोर मतदाताओं का वर्षांत में छुट्टी पर जाना भी है जिसके कारण कम वोट पड़े . अम्बाला नगर निगम में 56.3 प्रतिशत मतदान हुआ था जो 2013 में 67 फीसदी था . उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि कम मतदान हुआ है क्योंकि बहुत से लोग वर्षांत में छुट्टियों पर चले गये थे जो 25 दिसंबर से शुरू हुआ था.'' खट्टर ने हालांकि कहा कि भाजपा ने 36 वार्डों में जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस ने 19 वार्डों पर ही जीत दर्ज की.

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राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की कांग्रेस की मांग पर खट्टर ने कहा, ‘‘यदि हमने 36 वार्ड जीते हैं और कांग्रेस ने 19, तो क्या यह जनादेश नहीं है.'' उन्होंने कहा, ‘‘अभी विधानसभा का सत्र बुलाने की कोई आवश्यकता नहीं है, यह फरवरी या मार्च में अपने समय पर आयोजित होगा.'' यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा नए साल में पंचायत चुनाव पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ेगी, उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर हमने पंचायत चुनाव कभी पार्टी के चिह्न पर नहीं लड़ा है, फिर भी जब चुनाव आएंगे, तब फैसला करेंगे.'' किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केंद्र किसानों से बात कर रहा है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)