आखिर क्यों सबरीमाला मामले पर बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा- पता नहीं देश में क्या हो रहा है

केरल के सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी अस्मंजस जारी है.

आखिर क्यों सबरीमाला मामले पर बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा- पता नहीं देश में क्या हो रहा है

सबरीमाला पर बीजेपी सांसद उदित राज का बयान

नई दिल्ली:

केरल के सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी अस्मंजस जारी है. हालांकि, आज सबरीमाला मंदिर में महिलाएं प्रवेश करेंगी, मगर इससे पहले मंदिर में प्रवेश को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर हो रहे विवाद पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद उदित राज ने अपनी चिंता व्यक्त की है. उदित राज का कहना है कि सबरीमाला मंदिर को लेकर जिस तरह विवाद हो रहा है, उससे लगता है कि महिलाएं खुद गुलाम बनना चाहती हैं. बता दें कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को देखते हुए सरकार और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. उन्होंने कहा, 'महिलाएं महिलाओं को रोकने की कोशिश कर रही हैं, वे खुद गुलाम बनना चाहती हैं, पुरुषों से कम होना चाहती है. पता नहीं इस देश में क्या हो रहा है.' 

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सबरीमाला मंदिर मसले को लेकर महिलाओं के विरोध प्रदर्शन पर बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा कि 'मैंने समानता के लिए लड़ाई देखी है, गुलामी और असमानता के लिए नहीं. एक ओर जहां देश में पुरुषों द्वारा अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई चल रही है वहीं, दूसरी तरफ, महिलाएं ही अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों के खिलाफ लड़ रही हैं. 

उदित राज ने आगे कहा कि यह दुनिया में पहली बार हुआ है, यह हास्यास्पद है. 'मुझे गुलाम बनाओ, मुझसे असमान रूप से व्यवहार करें, हम पुरुषों से कम हैं', महिलाएं ही महिलाओं को रोक रही हैं. आखिर इसमें क्या प्वाइंट हैं. मुझे नहीं पता कि इस देश में क्या हो रहा है. यह मेरी व्यक्तिगत राय है, राजनीतिक नहीं.

वहीं, सबरीमाला मंदिर मुद्दे पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है, लेकिन अब आप कह रहे हैं कि यह हमारी परंपरा है. तीन तलाक भी इसी तरह की परंपरा थी, लेकिन जब इसे खत्म किया गया तो सब लोग प्रशंसा कर रहे थे. वहीं हिंदू अब सड़कों पर आ गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह लड़ाई हिंदू पुनर्जागरण और अंधकारवाद के बीच है. पुनर्जागरण का कहना है कि सभी हिंदू बराबर हैं और जाति व्यवस्था को समाप्त किया जाना चाहिए. क्योंकि आज कोई ब्राह्मण केवल बौद्धिक नहीं है, बल्कि वे सिनेमा, व्यापार में भी हैं. यह कहां लिखा गया है कि जाति जन्म से है? शास्त्रों में संशोधन किया जा सकता है. 

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गौरतलब है कि मंगलवार को सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा की सैकड़ों महिला भक्तों ने निल्लेकल में मासिक धर्म की आयु वाली महिलाओं और लड़कियों को रोकने के लिए रास्ते में वाहन रोककर देखे और उन्हें आगे नहीं जाने दिया था. जिसके बाद वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. 

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