यह ख़बर 04 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भाजपा ने प्रधानमंत्री, सोनिया से मांगी सफाई

खास बातें

  • बोफोर्स घोटाले में आयकर न्यायाधिकरण की रिपोर्ट के बाद भाजपा ने इस मामले में प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सफाई मांगी है।
New Delhi:

बोफोर्स घोटाले में आयकर न्यायाधिकरण की रिपोर्ट के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सफाई मांगी है। पार्टी ने करोड़ों रुपये के इस घोटाले में दलाली हासिल करने के आरोपी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि को गांधी परिवार से नजदीकियों के कारण कानून के फंदे से बचाने का आरोप लगाया और मामले को दोबारा खोलने व उसकी जांच एक विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया कि क्वात्रोच्चि गांधी परिवार का बेहद करीबी था, और इसी निकटता के चलते कांग्रेस सरकार ने उसे प्रत्येक कानूनी फंदे से बचाया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी को इस मामले पर अपनी सफाई देनी चाहिए। प्रसाद ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का रवैया है कि पहले मामले को कमजोर करो और फिर सबूत न होने का बहाना करके न्यायालय से मामले को बंद करने की मांग करो। उन्होंने कहा कि आयकर न्यायाधिकरण की रिपोर्ट से साबित हुआ है कि क्वात्रोच्चि बोफोर्स खरीद सौदे में दलाल था और उसे करोड़ों रुपये की रिश्वत दी गई थी। उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर इस मामले को दोबारा से खोलने की जरूरत है। प्रसाद ने कहा कि इसकी जांच एसआईटी द्वारा होनी चाहिए। प्रसाद ने कहा कि क्वात्रोच्चि गिरफ्तारी से बचने के लिए 1993 में देश छोड़कर भाग गया या उसे भाग जाने दिया गया और 1998 में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार सत्ता में आई तो पहली बार क्वात्रोच्चि के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। क्वात्रोच्चि के खिलाफ नवंबर 1999 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड में क्वात्रोच्चि के जिस बैंक खाते पर राजग की सरकार ने रोक लगवाई थी, संप्रग सरकार के कार्यकाल में उससे रोक हटवा दी गई। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के हंसराज भारद्वाज कानून मंत्री थे, तब भारत सरकार के एक अधिकारी बी दत्ता इंग्लैंड गए और उन्होंने ब्रिटिश सरकार से कहा कि क्वात्रोच्चि के खिलाफ भारत में कोई मामला लम्बित नहीं है। उन्होंने कहा कि सितंबर 2009 में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से क्वात्रोच्चि के खिलाफ मामले को वापस लेने के लिए कहा। प्रसाद ने कहा कि क्वात्रोच्चि को बचाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले को बंद करने के लिए अपनी अंतिम रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी है। इस रिपोर्ट पर सुनवाई 6 जनवरी तक के लिए स्थगित की गई है।


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