यह ख़बर 22 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की सीबीआई से जांच हो : भाजपा

खास बातें

  • बिना नीलामी के कोयला ब्लॉक आवंटन करने से कंपनियों को कथित अनुचित लाभ पहुंचाने से राजस्व को हुए 10.67 लाख करोड़ रुपये के नुकसान संबंधी कैग रिपोर्ट के दावे पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
नई दिल्ली:

बिना नीलामी के कोयला ब्लॉक आवंटन करने से कंपनियों को कथित अनुचित लाभ पहुंचाने से राजस्व को हुए 10.67 लाख करोड़ रुपये के नुकसान संबंधी कैग रिपोर्ट के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की।

संसद भवन परिसर में भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह घोटालेबाजों की सरकार है और यह सरकार घोटाले में सिर से लेकर पांव तक डूबी हुई है। भाजपा इस मामले की अदालत की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग करती है।’’ उन्होंने कहा कि साल 2006 में सरकार ने कोयला ब्लॉक के आवंटन से संबंधित विधेयक पेश किया लेकिन विधेयक 2010 तक पारित नहीं किया गया। उन्होंने प्रश्न किया कि कोयला ब्लॉक का आवंटन बिना नीलामी के क्यों किया गया? भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि 2004 से 2009 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास ही कोयला मंत्रालय था। इसी अवधि में यह घोटाला हुआ। प्रधानमंत्री को इस पर जवाब देना चाहिए।

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उन्होंने कहा, ‘‘यह गंभीर मामला है। यह घोटाला 2-जी स्पेक्ट्रम से भी बड़ा है। देश की सम्पत्ति की लूट का मामला है। इस विषय को भाजपा आसानी से नहीं छोड़ेगी।’’ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह सरकार आकाश से लेकर पाताल तक घोटालों में डूबी हुई। 2-जी स्पेक्ट्रम का घोटाला जहां आकाश से संबंधित था, वहीं कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला ‘पाताल’ से जुड़ा है।