यह ख़बर 22 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

पीएम के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

खास बातें

  • हंगामे के बीच आडवाणी ने कहा, वित्त विधेयक पास करवाना चाहते हैं, और हमारी मंशा संवैधानिक संकट पैदा करने की नहीं है।
New Delhi:

वर्ष 2008 में परमाणु करार के मसले पर पेश किए एक विश्वास प्रस्ताव पर सरकार की जीत सुनिश्चित कराने के लिए कथित तौर पर सांसदों को खरीदे जाने के मामले में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार को प्रस्ताव सौंपा। इसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों ने खूब हंगामा किया, जिस पर मीरा कुमार ने कहा, "मैं इस मामले को देख रही हूं और अपना फैसला दूंगी।" हंगामे के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि विपक्ष की मंशा किसी तरह का संवैधानिक संकट पैदा करने का नहीं है। उनका कहना था, "हम वित्त विधेयक पास करवाना चाहते हैं, लेकिन अगर विपक्ष की नेता को बोलने से रोका गया तो प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है।" विकीलीक्स पर हुए रिश्वत के खुलासे को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष तथा सत्तापक्ष के बीच हुए हंगामे के बाद पूर्वाह्न 11:27 बजे तक के लिए राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित भी कर दिया गया था। वैसे भाजपा के अतिरिक्त वामदल भी इस मामले पर सदन में चर्चा के पक्ष में हैं। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, "उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) पिछले सप्ताह सदन में कहा था कि कोई रिश्वत नहीं दी गई, जबकि 'नोट के बदल वोट' की जांच के लिए गठित किशोरचंद्र देव कमेटी ने स्पष्ट कहा है कि रिश्वत दी गई।" भाजपा का आरोप है कि प्रधानमंत्री ने ऐसा बयान देकर संसद और देश की जनता को गुमराह किया है कि जुलाई, 2008 के विश्वासमत के दौरान किसी सांसद को रिश्वत नहीं दी गई थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 के विश्वासमत के दौरान लगे रिश्वत के आरोपों पर प्रधानमंत्री स्वयं संसद में बयान दे चुके हैं। उधर, श्रीमती स्वराज ने एक अखबार में छपी इस खबर का खंडन भी किया है कि प्रधानमंत्री ने उन्हें और उनके परिवार को डिनर पर बुलाया था। सुषमा ने टि्वटर पर लिखा है कि प्रधानमंत्री निवास पर डिनर की बात सिर्फ कल्पना है। उन्होंने इस खबर को भी गलत बताया है कि वह चुनाव आयोग की बैठक में भाग नहीं लेना चाहती थीं, लेकिन आडवाणी के दबाव डालने पर वह इसके लिए तैयार हुईं।


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