यह ख़बर 08 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

येदियुरप्पा समर्थक मंत्री बर्खास्त, सांसद निलम्बित

खास बातें

  • कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को सहकारिता मंत्री बीजे पुट्टास्वामी को बर्खास्त कर दिया और लोकसभा सदस्य जीएस बासवराज को पार्टी से निलम्बित कर दिया।
नई दिल्ली:

कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को सहकारिता मंत्री बीजे पुट्टास्वामी को बर्खास्त कर दिया और लोकसभा सदस्य जीएस बासवराज को पार्टी से निलम्बित कर दिया। ये दोनों पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के बागी नेता बीएस येदियुरप्पा के समर्थक माने जाते हैं।

मंत्री की बर्खास्तगी और सांसद के निलम्बन की कार्रवाई येदियुरप्पा द्वारा अलग पार्टी के गठन से ठीक एक दिन पहले की गई। येदियुरप्पा रविवार को बेंगलुरू से लगभग 350 किलोमीटर उत्तर हावेरी में एक जनसभा के दौरान कर्नाटक जनता पार्टी (कजपा) के गठन की घोषणा करने वाले हैं। उन्होंने 30 नवम्बर को भाजपा और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

पार्टी के दो सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की घोषणा मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार तथा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष केएस ईश्वरप्पा ने की। ईश्वरप्पा ने शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ नई दिल्ली में बैठक करने के बाद यह कार्रवाई की।

ईश्वरप्पा ने कहा कि बासवराज को लोकसभा की सदस्यता से भी निलम्बित करवाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

बासवराज पूर्व कांग्रेस नेता हैं। वह 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। वह बेंगलुरू से करीब 70 किलोमीटर दूर तुमकुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, पुट्टास्वामी विधान परिषद के सदस्य हैं। वह जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) के पूर्व कार्यकर्ता हैं।

पार्टी के कोपभाजन बने दोनों नेता येदियुरप्पा के कट्टर समर्थक हैं और भाजपा के राज्य तथा केंद्रीय नेतृत्व पर प्रहार करते रहे हैं।
जाहिर तौर पर भाजपा को उम्मीद है कि दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से येदियुरप्पा समर्थक अन्य नेता चेत जाएंगे और हावेरी में रविवार को होने वाली बागी नेता की जनसभा में शामिल होने से खुद को रोकेंगे और इस तरह शेट्टार सरकार सुरक्षित रहेगी।   

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येदियुरप्पा ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए हावेरी में कहा कि भाजपा शासित कर्नाटक सरकार का अंत निकट आ गया है। उन्होंने अपनी पूर्व पार्टी को चुनौती दी कि उनके समर्थकों पर कार्रवाई करने के बजाय विधानसभा को भंग करें और जनता का सामना करें।