पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की फाइल फोटो
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने के लिए दोनों पक्षों के बीच वार्ता विफल रहने के बाद बीजेपी की ओर हाथ बढ़ाते हुए पीडीपी ने शुक्रवार रात अपने रुख में नरमी का संकेत देते हुए कहा कि 'हमारे दरवाजे बंद नहीं हुए हैं।' जम्मू कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन में फिर से जान डालने के प्रयास विफल हो गए थे, जब बीजेपी ने कहा था कि शर्तों के आधार पर सरकार नहीं बनेगी।
शुक्रवार के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पीडीपी सांसद और इसके संस्थापक सदस्यों में से एक मुजफ्फर हुसैन बेग ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता के दौरान कोई नई मांग नहीं रखी गई। बेग ने कहा, 'हमने जो कुछ भी मांगा है, वह गठबंधन के एजेंडे का हिस्सा है। उदाहरण के लिए दो पावर परियोजनाओं को सौंपना, अफस्पा की समीक्षा, सेना द्वारा कब्जायी गई जमीन को वापस देना... ये सब बातें पूर्व के दस्तावेज का हिस्सा रही हैं, जिसे दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी स्वीकृति दी थी।'
इससे पहले दिन में बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा था कि सरकार गठन में बना गतिरोध जारी है और इसके लिए कोई शर्त आधार नहीं बन सकती। उन्होंने कहा, 'पहली चीज यह है कि कोई नई मांग हमें स्वीकार्य नहीं है और दूसरी चीज यह है कि अगर नई मांगें हैं तो उन पर नई सरकार बनने के बाद विचार किया जा सकता है।' (पढ़ें- सरकार गठन पर राम माधव ने क्या कहा)
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