यह ख़बर 13 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर हंगामे के कारण राज्यसभा स्थगित

खास बातें

  • राज्यसभा में आज श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर हंगामे के कारण तीन बार के स्थगन के बाद बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
नई दिल्ली:

राज्यसभा में आज श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर सरकार में शामिल द्रमुक, विपक्षी अन्नाद्रमुक तथा वाम सहित विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण तीन बार के स्थगन के बाद बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

सुबह बैठक शुरू होने के साथ ही लिट्टे के खिलाफ युद्ध के दौरान श्रीलंकाई सेना द्वारा तमिलों पर किए गए अत्याचार के विरोध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में लाये जाने वाले प्रस्ताव के बारे में सरकार से उसका रुख स्पष्ट करने की मांग करते हुए द्रमुक तथा अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

इस मामले में सरकार की ओर संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि विदेश मंत्री एसएम कृष्णा आज शाम दिल्ली लौट आएंगे और वह कल सदन में बयान देंगे लेकिन हंगामा कर रहे सदस्य उनके इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने हंगामा जारी रखा।

द्रमुक के तिरूचि शिवा ने कहा कि यह तमिल लोगों की भावना से जुड़ा मामला है। अमेरिका, फ्रांस और नार्वे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की जिनीवा में होने वाली बैठक में एक प्रस्ताव लाने वाले हैं। इस प्रस्ताव में लिट्टे के खिलाफ युद्ध के अंतिम चरण में तमिलों पर श्रीलंका सेना द्वारा किए गए अत्याचार के लिए श्रीलंका की भर्त्सना की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार सदन में यह आश्वासन दे कि वह प्रस्ताव का समर्थन करेगी।

भाकपा के डी राजा ने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मामला है और सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए संरा मानवाधिकार परिषद में लाए जाने वाले प्रस्ताव पर सरकार का रूख स्पष्ट करना चाहिए। माकपा के टी के रंगराजन ने कहा कि श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ हुए अत्याचारों के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।

भाजपा के एम वेंकैया नायडू ने कहा कि श्रीलंका हमारा पड़ोसी है और सरकार को अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस की बीएस ज्ञानादेशिकन ने कहा कि हम तमिलों की पीड़ाओं के प्रति संवेदना रखते हैं लेकिन यदि हमने प्रस्ताव के पक्ष में समर्थन किया तो श्रीलंका भारत सरकार के लिए अपने द्वार बंद कर देगा। इससे हम श्रीलंकाई तमिलों को अभी जो मदद पहुंचा रहे हैं, वह भी नहीं पहुंच पाएगी।

भाजपा के एस एस अहलुवालिया ने कहा कि जिनीवा में प्रस्ताव पर आज या कल मतदान हो सकता है। इसलिए इस मुद्दे पर सरकार को आज ही अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। इस मुद्दे पर बंसल ने पहले कहा कि वह विदेश मंत्री से इस बारे में फौरन बात करेंगे और सरकार की ओर से बयान देंगे। बाद में उन्होंने सदन को सूचित किया कि कृष्णा आज शाम दिल्ली लौट आएंगे और कल सदन में बयान देंगे। संसदीय कार्य मंत्री के इस बयान से द्रमुक और अन्नाद्रमुक सदस्य आसन के समक्ष आ गये और नारेबाजी करने लगे।

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हंगामे और नारेबाजी के कारण बैठक को तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में हंगामे के कारण प्रश्नकाल भी नहीं चल पाया।