बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की फाइल फोटो
नई दिल्ली: असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी असम गण परिषद यानी एजीपी के साथ मिल कर चुनाव लड़ेगी। एजीपी नेता प्रफुल्ल कुमार महंत ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाक़ात के बाद ये ऐलान किया। इस बैठक में गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बीजेपी महासचिव राम माधव भी मौजूद थे।
ये एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी बोडो पीपुल्स फ़्रंट से पहले ही गठबंधन कर चुकी है। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सभी 126 सीट अकेले ही लड़ने का फैसला किया है। जबकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ़्रंट (एआईयूडीएफ) ने 60 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है। यानी अब असम में त्रिकोणीय मुक़ाबला होगा।
सूत्रों के मुताबिक़ एजीपी को 19-25 सीटें दी जा सकती हैं।
बीजेपी एजीपी के बीच गठबंधन के लिए लंबे समय से बात चल रही थी। बीजेपी के कई स्थानीय नेताओं ने विरोध भी किया था। एजीपी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी। इसीलिए एक बार बातचीत टूट गई थी।
इस साल जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं उनमें बीजेपी को सिर्फ असम में ही कामयाबी की उम्मीद है। इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में राज्य की चौदह में से सात सीटें जीतीं थीं। पार्टी ने सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी को भरोसा है कि बीपीएफ और एजीपी के साथ उसका गठबंधन त्रिकोणीय मुक़ाबले में कामयाबी हासिल कर पाएगा।