विवाद के बाद येदियुरप्पा ने कार मालिक को लौटाई 'उधार की' SUV

विवाद के बाद येदियुरप्पा ने कार मालिक को लौटाई 'उधार की' SUV

प्रेस रिलीज के मुताबिक, यह कार उन्हें उधार दी गई थी...

बेंगलुरु:

बीजेपी प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि उन्होंने 1 करोड़ रुपए की लैंड क्रूजर लौटा दी है। पिछले दिनों इस गाड़ी को लेकर विवाद हो गया था। येदियुरप्पा ने कहा है कि उन्होंने यह मुरुगेश निरानी को सौंप दी है।

प्रेस रिलीज के मुताबिक, यह कार उन्हें उधार दी गई थी और वे इसका इस्तेमाल राज्य में अकाल प्रभावित जगहों पर दौरा करने में करने वाले थे। लेकिन अब वे इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्होंने यह निरानी को वापस दे दी है।

पहले उनके कार्यालय की ओर से कहा गया था कि यह नई कार नहीं है...
येदियुरप्पा ने कहा कि एसयूवी राज्य के मेरे पूर्व उद्योग मंत्री श्री मुरुगेश निरानी ने अकाल प्रभावित इलाकों के दौरे और पार्टी से संबंधित आवाजाही के लिए 'अस्थायी' तौर पर दी थी।

पहले उनके कार्यालय की ओर से कहा गया था कि यह नई कार नहीं है। येदियुरप्पा पिछले ही हफ्ते कर्नाटक इकाई के मुखिया चुने गए हैं और उन्हें पार्टी के कई कामों के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा करने के लिए किसी सुविधाजनक वाहन की जरूरत होगी।

2018 में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव की कमान येदियुरप्पा को...
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजपी प्रमुख अमित शाह ने 2018 में होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव की कमान येदियुरप्पा को सौंप दी है। राज्य प्रमुख ने 225 विधानसभा सीट में से 150 को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। येदियुरप्पा को 2008 में कर्नाटक का मुख्यमंत्री चुना गया था लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप झेलने के बाद बीजेपी ने उन पर कुर्सी छोड़ने का दबाव बनाया।

पार्टी की इस बेरुख़ी के बाद येदुरप्पा ने बीजेपी से अलग होकर अपनी अलग राजनीतिक पार्टी का गठन कर लिया था। 2014 लोकसभा चुनाव के कुछ समय पहले ही येदुरप्पा बीजेपी में दोबारा दाख़िल हुए। कोर्ट ने उनके खिलाफ ज्यादातर मामलों को खारिज कर दिया था। अब कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने येदियुरप्पा को राज्य में पार्टी प्रमुख का कार्यभार सौंपा है।

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बता दें कि मार्च के महीने में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या की 70 लाख रुपये की घड़ी ने उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी। घड़ी का विवाद इतना बढ़ गया था कि 3 दिनों तक कर्नाटक विधानसभा का सत्र विपक्षी दलों ने नहीं चलने दिया था। आखिरकार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विवाद से दामन छुड़ाने के लिए घड़ी को विधानसभा स्पीकर के. थिमप्पा को सौंप दिया जिसे नियमों के मुताबिक राज्य की संपत्ति घोषित कर दिया गया था। हालांकि मुख्यमंत्री ने इसे एक दोस्त से मिला सेंकड हैंड तोहफा बताया था लेकिन इसके बावजूद उन्हें इस राज्य को सौंपना पड़ा था।