यह ख़बर 03 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

काले धन की जांच के मामले पर सरकार की खिंचाई

खास बातें

  • सुब्रह्मण्यम से कहा, "हम एक साधारण सवाल का साधारण जवाब मांग रहे हैं। हिरासत में लिए व्यक्ति से पूछताछ क्यों नहीं की गई?"
नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय ने विदेशों में काला धन भेजने से सम्बद्ध मामले में हसन अली और अन्य आरोपियों से हिरासत की अवधि में पूछताछ नहीं करने के कारण सरकार की खिचाई की है। न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी और एसएस निज्जर की खंडपीठ ने महाधिवक्ता जी सुब्रह्मण्यम से कहा, "हम एक साधारण सवाल का साधारण जवाब मांग रहे हैं। हिरासत में लिए जिस व्यक्ति के बारे में आपके पास सूचना है उससे पूछताछ क्यों नहीं की गई?" न्यायालय ने यह जानना चाहा कि हिरासत में पूछताछ करने से किसने रोका? हसन अली और अन्य लोगों के काले धन के मामलों की जांच कर रहे अधिकारियों को जांच के दौरान बदले जाने को लेकर भी न्यायालय ने सरकार की आलोचना की। न्यायालय ने मांग की कि जांच में लगे अधिकारियों को उनके वास्तविक कार्य दोबारा सौंपे जाएं। ऐसा न करने पर न्यायालय ने जरूरी निर्देश जारी करने की बात कही। न्यायधीशों ने संकेत दिया कि वह अली और अन्य लोगों से हिरासत में पूछताछ के लिए न्यायालय की निगरानी में अधिकारियों की नियुक्ति कर सकते हैं। जब सुब्रहमण्यम ने कहा कि ऐसी स्थिति पैदा नहीं होगी तब न्यायालय ने कहा, "इससे हमें प्रसन्नता होगी"। न्यायालय ने वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां की जिसमें विदेशी बैंकों में जमा भारतीयों के काले धन को वापस लाने के लिए सरकार को कदम उठाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।


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