पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है. (फाइल फोटो)
खास बातें
- प्रणब मुखर्जी का निधन
- सोमवार को ली थी अंतिम सांस
- कांग्रेस के चाणक्य थे प्रणब मुखर्जी
नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति और 7 बार भारत के वित्त मंत्री रहे डॉ. प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का सोमवार की शाम को निधन हो गया है. 84 साल के डॉ. मुखर्जी भारतीय राजनीति में कांग्रेस के करिश्माई चाणक्य कहे जाते थे. वह काफी समय बीमार थे और उनका दिल्ली के आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा था. प्रणब मुखर्जी का ज्यादातर समय सत्ता पक्ष में बीता है और उनको कांग्रेस का संकटमोचक कहा जाता था. विदेश नीति से लेकर वित्त मंत्रालय तक उनकी गहरी पैठ थी. एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने उनको चलती-फिरती युनिर्विसिटी कहा था. मुखर्जी अपनी पार्टी कांग्रेस और सरकार का उस समय बचाव करने के लिए जाते हैं जब विपक्ष के रूप में बीजेपी सामने बैठी होती थी. एक बार लोकसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उस समय नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कालाधन का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. उन्होंने कहा कि न सिर्फ टैक्स बचाने के लिए बल्कि भ्रष्टाचार से कमाए गए धन को भी विदेशी खातों में जमा किया गया है. आडवाणी ने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के नाम बताए जिन्होंने विदेशों में खाते खोलकर कालाधन जमा कर रखा है. बीजेपी नेता ने कहा कि अगर किसी सांसद चाहे वह सत्ता पक्ष का हो या फिर किसी के पास कालाधन हो तो सरकार खुलकर उनका नाम बताए. आपको बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी ने कालेधन पर लोकसभा में काम रोको प्रस्ताव दिया था जिस पर चर्चा हो रही थी.