भारत में भी खूनी 'ब्लू व्हेल' ने बच्चे को बनाया अपना शिकार? 14 साल के बच्चे ने दी जान

ऑनलाइन खेले जाने वाले ब्लू व्हेल गेम में 50 दिन अलग-अलग टास्क मिलते हैं. रोज टास्क पूरा होने के बाद अपने हाथ पर निशान बनाना पड़ता है जो 50 दिन में पूरा होकर व्हेल का आकार बन जाते हैं.

भारत में भी खूनी 'ब्लू व्हेल' ने बच्चे को बनाया अपना शिकार? 14 साल के बच्चे ने दी जान

'ब्लू व्हेल' एक इंटरनेट गेम है जो खेलने वालों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करता है

खास बातें

  • 'ब्लू व्हेल गेम' रूस में 2013 में बना एक इंटरनेट गेम है
  • रूस में 130 बच्चे इस गेम को खेलते हुए दे चुके हैं जान
  • बच्चे ने आत्महत्या से पहले वाट्सऐप पर भेजी थीं कुछ तस्वीरें
मुंबई:

मुंबई के अंधेरी में 14 साल के एक बच्चे ने अपनी सोसायटी से कूदकर  आत्महत्या  कर ली. पुलिस मामले की जांच कर रही है. आत्महत्या के पीछे 'ब्लू व्हेल गेम' को वजह बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस खेल ने दुनिया भर में 250 के करीब  बच्चों की जान ले चुका है.

मेघवाड़ी पुलिस के अनुसार, शनिवार शाम एम्पायर हाइट्स की छत से 14 साल के एक बच्चे ने कूद कर जान दे दी. 
पता ये भी चला है कि 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले उस बच्चे ने खुदकुशी से पहले अपने इरादे के बारे में दोस्तों को सोशल साइट पर बताया भी था. बच्चे ने अपने दोस्तों को ये भी बताया था, 'एक अंकल मुझे हटने के लिए बोल रहे हैं. जैसे ही वे हटेंगे, मैं कूद जाऊंगा.' और हुआ भी यही. 

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मेघवाड़ी डिवीजन के एसीपी मिलिंद खेतले ने बताया कि अभी मामले में एडीआर दर्ज है. लेकिन जैसा कि पता चल रहा है कि बच्चा किसी वीडियो गेम का शिकार हुआ है इसलिए उसके फ़ोन की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी. 

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खूनी ब्लू व्हेल खेल की शुरुआत रूस से हुई है. मोबाइल फ़ोन और लैपटॉप के जरिए खेले जाने वाले इस खेल में 50 दिन अलग-अलग टास्क मिलते हैं. रोज टास्क पूरा होने के बाद अपने हाथ पर निशान बनाना पड़ता है जो 50 दिन में पूरा होकर व्हेल का आकार बन जाता है. और टास्क पूरा करने वाले को खुदकुशी करनी पड़ती है.

VIDEO: 12 साल के बच्चे ने लगाई फांसी मुंबई में एक नाबालिग बच्चे की खुदकुशी से भारत मे भी इसके पैर पसारने की आशंका बढ़ गई है. खबर है कि इस खूनी खेल की वजह से दुनिया मे करीब 250 बच्चों की जान जा चुकी है जिसमें 130 बच्चे सिर्फ रूस के हैं. अगर जांच में ये सही पाया गया तो  भारत में इस खूनी खेल की वजह से होनी वाली मौत का पहला मामला होगा. ऐसे में जरूरत है इंटरनेट, मोबाइल पर दिन भर लगे रहने वाले अपने बच्चों की आदतों और व्यवहार पर नजर रखने की.
 


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