यह ख़बर 04 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

स्टेशन पर मिली लाश : पुलिस ने मांगी मीडिया से मदद

खास बातें

  • लगभग एक हफ्ते तक सुराग की तलाश करने के बावजूद सफलता हाथ ना लगता देख मुंबई जीआरपी ने मीडिया से मदद की गुजारिश की है।
मुंबई:

लगभग एक हफ्ते तक सुराग की तलाश करने के बावजूद सफलता हाथ ना लगता देख मुंबई जीआरपी ने मीडिया से मदद की गुजारिश की है। 26 सितम्बर को सीएसटी स्टेशन के 8 नंबर प्लेटफोर्म पर बैग में मिली महिला की लाश की अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। थक हार कर जीआरपी पुलिस ने मृतक महिला की तस्वीर और संदिग्ध आरोपियों की सीसीटीवी फुटेज जारी किया है।

पुलिस ने यह सीसीटीवी फुटेज और महिला की फोटो को मीडिया को देकर उनसे मदद मांगी है। जीआरपी के वरिष्ट इंस्पेक्टर सुरेन्द्र देशमुख ने कहा, "इसके पहले भी सीएसटी पुलिस ने मीडिया की मदद से दो केस सुलझाए थे जिसमें एक केस था जंहा पुलिस को महिला की लाश बैग में मिली थी।"

देशमुख ने कहा, "हमे उम्मीद है कि मीडिया के जरिये लोग महिला की लाश या सीसीटीवी में दिखने वाले संदिग्ध को पहचान लेंगे और पुलिस को बताएंगे।"
जीआरपी पुलिस ने मामले में एक हेल्पलाइन नंबर 022-22620173 पर लोगों को कॉल कर मामले की जानकारी देने की अपील की है।

दरअसल, पुलिस ने महिला की तस्वीर मुंबई और उसके आस-पास के जिले और शहर की पुलिस को दे दी है लेकिन अब तक उनसे कोई भी मदद नहीं मिल पाई है। पुलिस का दावा है की सिंहगड़ एक्सप्रेस से मुंबई बैग में लाई गई यह लाश पुणे या उसके आस-पास के इलाके से लाई गई है।

पुलिस ने सिंहगड़ एक्सप्रेस के सभी स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज खंगाल ली है लेकिन उन्हें कहीं से भी दो लोगों के ट्रेन में सवार होने के सबूत नहीं मिल पाए हैं। सिंहगड़ एक्सप्रेस में सफर करने वाले मुसाफिरों से पुलिस को पता चला है कि यह बैग ट्रेन में खंडाला या लोनावाला स्टेशन से ही देखा गया। लेकिन, किसी भी पुख्ता सबूत के आधार पर पुलिस अब तक कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा नहीं कर पाई है।
 
सीसीटीवी में भी दो युवकों को बैग स्टेशन के पास की ही एक दीवार के किनारे रख कर बड़े आसानी से बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, पुलिस की सबसे बड़ी परेशानी उनकी सीसीटीवी खुद है जहां दोनों संदिग्ध को देखा तो जा सकता है लेकिन किसी का भी चेहरा पहचाना नहीं जा सकता।

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पुलिस की जांच की दिशा में मीडिया भी अहम रोल अदा करने वाला है। फिलहाल पुलिस को इंतजार करना होगा किसी दर्शक का जो न्यूज़ चैनलों पर चलने वाली तस्वीरों को देख कर पहचान लेगा और पुलिस को जानकारी देगा।