बच्चों के यौन शोषण पर चुप्पी तोड़ें, प्रभावी न्यायपालिका की जरूरत : कैलाश सत्यार्थी

नोबल पुरस्कार विजेता ने कहा- बच्चों के यौन शोषण जैसे अपराध को अंजाम देने वालों से निपटने के लिए प्रभावी न्यायपालिका की जरूरत

बच्चों के यौन शोषण पर चुप्पी तोड़ें, प्रभावी न्यायपालिका की जरूरत : कैलाश सत्यार्थी

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों के यौन शोषण पर चुप्पी तोड़ने का आह्वान किया है.

खास बातें

  • सत्यार्थी का सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत अभियान जारी
  • करीब 53 प्रतिशत बच्चे यौन शोषण के शिकार
  • अपराधों को अंजाम देने वालों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
मुंबई:

बाल अधिकार कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों के यौन शोषण पर ‘‘चुप्पी तोड़ने’’ का  आह्वान किया है. उन्होंने गुरुवार को ऐसे अपराध को अंजाम देने वालों से निपटने के लिए एक प्रभावी न्यायपालिका की जरूरत बताई.

सत्यार्थी ने अपने ‘सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत’ अभियान के तहत यहां वाईबी चव्हाण सभागार में कहा, ‘‘करीब 53 प्रतिशत बच्चे किसी न किसी प्रकार के यौन शोषण का सामना करते हैं. ’’

VIDEO : बच्चों को हो पुनर्वास का अधिकार

उन्होंने कहा कि अतीत में शिक्षा को एक बुनियादी अधिकार बनाने के लिए व्यापक अभियान शुरू किए गए, जिसे सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ और इस प्रकार से वांछित परिणाम सामने आए.
(इनपुट भाषा से)


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