मैं तो भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम की मुहिम का हिस्सा बनना चाहता था : बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर

मैं तो भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम की मुहिम का हिस्सा बनना चाहता था : बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर

बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव...

खास बातें

  • तेज बहादुर का वीआरएस कैंसिल कर दिया गया था.
  • जम्मू के पुंछ में लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात थे तेज बहादुर
  • सोशल मीडिया में वीडियो डालकर खराब खाना दिए जाने की शिकायत की
नई दिल्ली:

बीएसएफ ने सोशल मीडिया पर खाने की बुराई करने वाले जवान तेजबहादुर को बर्खास्त कर दिया. इस खबर पर तेज बहादुर ने एनडीटीवी से कहा कि मुझे अपनी बात रखने का मौका ही कहां दिया गया. मुझे इतने दिनों तक गिरफ्तार करके रखा गया. मैंने ऊंचे लेवल पर हर जगह शिकायत की थी. कहीं सुनवाई नहीं हुई. मुझे बर्खास्त करने में भी नियमों का ध्यान नहीं रखा गया. मैं बर्खास्तगी के खिलाफ कोर्ट जाऊंगा. मुझे सोशल मीडिया पर वीडियो डालने के असर की जानकारी नहीं थी. मैं तो भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम मोदी की मुहिम का हिस्सा बनना चाहता था.

इससे पहले बीएसएफ ने जवान तेजबहादुर यादव को बुधवार को बर्खास्त कर दिया है. इस पूरे मामले की जांच की जिसमें पाया गया था कि तेजबहादुर यादव के कारण बीएसएफ की छवि को नुकसान पहुंचा है. इससे पहले बीएसएफ ने तेज बहादुर का वीआरएस कैंसिल कर दिया गया था. तब बीएसएफ ने कहा था कि जब तक जांच पूरी नहीं होती है तब तक वह बीएसएफ को नहीं छोड़ सकते. बीएसएफ के मुताबिक, चूंकि वह जांच प्रकिया का अहम हिस्सा हैं इस वजह से उन्हें अभी वीआरएस नहीं दिया सकता.

जम्मू के पुंछ में लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात तेज बहादुर ने 9 जनवरी को सोशल मीडिया में वीडियो डालकर खराब खाना दिए जाने की शिकायत की थी. इस मामले ने काफी काफी तूल पकड़ा. केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी बीएसएफ से इस मामले की पूरी जांच करने को कहा था. इस वीडियो के आने के बाद कई और जवानों के मिलते-जुलते वीडियो सामने आए थे.

तेज बहादुर के आरोपों को लेकर बीएसएफ ने गृहमंत्रालय को अपनी पूरी रिपोर्ट भेजी थी. रिपोर्ट में तेज बहादुर के आरोप गलत पाए गए और उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई थी. जांच में यह भी पाया गया था कि तेज बहादुर लगातार गलतियां करता रहा है और उसे कई बार कड़ी सजा भी दी गई है, लेकिन वह अब तक नहीं सुधरा. तेज बहादुर के खिलाफ बीएसएफ कोर्ट की कोर्ट ऑफ इनक्वायरी तभी से चल रही थी.

हलांकि तेज बहादुर की पत्नी ने बीएसएफ पर उनके पति को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.

बता दें कि अपनी 20 साल की सेवा के बाद तेज बहादुर ने सितंबर महीने में वीआरएस के लिए अप्लाई किया था, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया होता और उसके मुताबिक वह 31 जनवरी को फ़ोर्स छोड़ देता लेकिन अब जबकि बीएसएफ ने 30 जनवरी को उनके वीआरएस को कैंसिल कर दिया गया.

जानें वीडियो में क्या कहा-
"देशवासियों मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं. हम लोग सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, लगातार 11 घंटे इस बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं. कितना भी बर्फ हो, बारिश हो, तूफान हो, इन्‍हीं हालातों में हम ड्यूटी कर रहे हैं. फोटो में हम आपको बहुत अच्‍छे लग रहे होंगे मगर हमारी क्‍या सिचुएशन हैं, ये न मीडिया दिखाता है, न मिनिस्‍टर सुनता है. कोई भी सरकार आईं, हमारे हालात वहीं हैं. मैं इस के बाद तीन वीडियो भेजूंगा जिसको मैं चाहता हूं कि आप दिखाएं कि हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अत्‍याचार व अन्‍याय करते हैं."

जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है...
यादव ने वीडियो में यह भी दावा करता है, हम किसी सरकार के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते. क्‍योंकि सरकार हर चीज, हर सामान हमको देती है. मगर उच्‍च अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं, हमारे को कुछ नहीं मिलता. कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है. मैं आपको नाश्‍ता दिखाऊंगा, जिसमें सिर्फ एक पराठा और चाय मिलता है, उसके साथ अचार नहीं होता. दोपहर के खाने की दाल में सिर्फ हल्‍दी और नमक होता है, रोटियां भी दिखाऊंगा. मैं फिर कहता हूं कि भारत सरकार हमें सब मुहैया कराती है, स्‍टोर भरे पड़े हैं मगर वह सब बाजार में चला जाता है. इसकी जांच होनी चाहिए.

पीएम नरेंद्र मोदी से की थी अपील...
तेज बहादुर ने आगे कहा कि, मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि इसकी जांच कराएं. दोस्‍तों यह वीडियो डालने के बाद शायद मैं रहूं या न रहूं. अधिकारियों के बहुत बड़े हाथ हैं. वो मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं, कुछ भी हो सकता है.


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