खराब खाने की शिकायत करने वाले तेज बहादुर का VRS रद्द, जांच पूरी होने तक नहीं छोड़ सकते BSF

खराब खाने की शिकायत करने वाले तेज बहादुर का VRS रद्द, जांच पूरी होने तक नहीं छोड़ सकते BSF

तेज बहादुर...

खास बातें

  • तेज बहादुर का वीआरएस केंसिल हो गया है
  • तेज बहादुर ने लगाया था अपने अफसरों पर आरोप
  • तेज बहादुर जांच प्रक्रिया का अहम हिस्सा
नई दिल्ली:

बीएसएफ के जवान तेज बहादुर का वीआरएस केंसिल कर दिया गया है. बीएसएफ के मुताबिक, जब तक जांच पूरी नही होती है तब तक वह बीएसएफ को नहीं छोड़ सकते. बीएसएफ के मुताबिक, चूंकि वह जांच प्रकिया का अहम हिस्सा हैं इस वजह से उन्हें अभी वीआरएस नहीं दिया सकता.

जम्मू के पुंछ में लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात तेज बहादुर ने 9 जनवरी को सोशल मीडिया में वीडियो डालकर खराब खाना दिए जाने की शिकायत की थी. इस मामले ने काफी काफी तूल पकड़ा. केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी बीएसएफ से इस मामले की पूरी जांच करने को कहा था. इस वीडियों के आने के बाद कई और जवानों के मिलते-जुलते वीडियो सामने आए थे.

इस बीच यह भी पता चला है कि तेज बहादुर के आरोपों को लेकर बीएसएफ ने गृहमंत्रालय को अपनी पूरी रिपोर्ट भेज दी है. रिपोर्ट में तेज बहादुर के आरोप गलत पाए गए हैं और उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है. जांच में यह भी पाया गया है कि तेज बहादुर लगातार गलतियां करता रहा है और उसे कई बार कड़ी सजा भी दी गई है, लेकिन वह अब तक नहीं सुधरा है. तेज बहादुर के खिलाफ बीएसएफ कोर्ट की कोर्ट ऑफ इनक्वायरी अभी भी चल रही है. अगर तेज बहादुर अपने बयान पर कायम रहता है तो उसका बयान लिया जाएगा और जिस अधिकारी क खिलाफ आरोप लगाए हैं उससे उसका क्रॉस एक्जामिनेशन करवाया जाएगा. हलांकि तेज बहादुर की पत्नी ने बीएसएफ पर उनके पति को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है और यह भी कहा है कि उनके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन बीएसएफ ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है.

वैसे अपनी 20 साल की सेवा के बाद तेज बहादुर ने सितंबर महीने में वीआरएस के लिए अप्लाई किया था, जिसे  स्वीकार भी कर लिया गया था और उसके मुताबिक वह 31 जनवरी को फ़ोर्स छोड़ देता लेकिन अब जबकि बीएसएफ ने 30 जनवरी को उनके वीआरएस को केंसिल कर दिया है ऐसे में उन्हें अगर वीआरएस चाहिए तो फिर से अप्लाई करना होगा.
 

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जानें वीडियो में क्या कहा-
"देशवासियों मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं. हम लोग सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, लगातार 11 घंटे इस बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं. कितना भी बर्फ हो, बारिश हो, तूफान हो, इन्‍हीं हालातों में हम ड्यूटी कर रहे हैं. फोटो में हम आपको बहुत अच्‍छे लग रहे होंगे मगर हमारी क्‍या सिचुएशन हैं, ये न मीडिया दिखाता है, न मिनिस्‍टर सुनता है. कोई भी सरकार आईं, हमारे हालात वहीं हैं. मैं इस के बाद तीन वीडियो भेजूंगा जिसको मैं चाहता हूं कि आप दिखाएं कि हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अत्‍याचार व अन्‍याय करते हैं."
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जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है...
यादव ने वीडियो में यह भी दावा करता है, हम किसी सरकार के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते. क्‍योंकि सरकार हर चीज, हर सामान हमको देती है. मगर उच्‍च अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं, हमारे को कुछ नहीं मिलता. कई बार तो जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है. मैं आपको नाश्‍ता दिखाऊंगा, जिसमें सिर्फ एक पराठा और चाय मिलता है, उसके साथ अचार नहीं होता. दोपहर के खाने की दाल में सिर्फ हल्‍दी और नमक होता है, रोटियां भी दिखाऊंगा. मैं फिर कहता हूं कि भारत सरकार हमें सब मुहैया कराती है, स्‍टोर भरे पड़े हैं मगर वह सब बाजार में चला जाता है. इसकी जांच होनी चाहिए.

पीएम नरेंद्र मोदी से की थी अपील...
तेज बहादुर ने आगे कहा कि, मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि इसकी जांच कराएं. दोस्‍तों यह वीडियो डालने के बाद शायद मैं रहूं या न रहूं. अधिकारियों के बहुत बड़े हाथ हैं. वो मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं, कुछ भी हो सकता है.

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