राज्यसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर रह चुके हैं विधायक

बसपा प्रमुख मायावती के काफी करीबी माने जाने वाले आंबेडकर पार्टी की स्थापना के दौर से ही सक्रिय रहे हैं

राज्यसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर रह चुके हैं विधायक

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • पार्टी के संस्थापक कांशीराम के भी करीबी थे
  • साल 2007 में लखना सीट से विधायक चुने गए थे
  • पेशे से वकील और पार्टी के जोन कोआर्डिनेटर
नई दिल्ली:

यूपी में राज्यसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी भीमराव आंबेडकर इटावा के रहने वाले हैं. वह 2007 के विधानसभा चुनावों में लखना सीट से जीते थे.

बसपा प्रमुख मायावती के काफी करीबी माने जाने वाले आंबेडकर पार्टी के कानपुर मंडल के जोन कोआर्डिनेटर हैं. वे पार्टी में संस्थापक कांशीराम के समय से ही सक्रिय रहे हैं. साल 1991 के लोकसभा चुनाव में कांशीराम इटावा क्षेत्र से जीते थे. आंबेडकर उस दौर से ही बसपा के सक्रिय कार्यकर्ता बने रहे हैं. आंबेडकर वकील हैं.

साल 2007 में आंबेडकर लखना विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. बाद में नए परिसीमन में इस विधानसभा सीट को खत्म करके इसे भरथना विधानसभा क्षेत्र में शामिल कर दिया गया. उसके बाद वे साल 2012 में चुनाव लड़े लेकिन हार गए थे. साल 2012 के चुनावों में भीमराव आंबेडकर को टिकट नहीं दिया गया था. माना जाता है कि यूपी में खिसकते दलित वोट बैंक पर दोबारा पकड़ बनाने के लिए मायावती ने पार्टी के दलित चेहरे भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा का टिकट दिया है.

VIDEO : दसवीं सीट का सस्पेंस

यूपी में बीएसपी के सिर्फ 19 विधायक हैं और ऐसे में बिना किसी पार्टी के समर्थन के उनका जीतना मुश्किल है. सपा, बसपा को राज्यसभा चुनाव में समर्थन दे रही है.


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