यह ख़बर 03 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बसपा, सपा ने अभी भी नहीं खोले एफडीआई पर पत्ते

खास बातें

  • संसद में चर्चा और मत विभाजन से पहले संप्रग को बाहर से समर्थन दे रहे बसपा और सपा ने सोमवार को भी खुदरा एफडीआई मुद्दे पर समर्थन देने को लेकर सरकार को भ्रम की स्थिति में रखा है।
नई दिल्ली:

संसद में चर्चा और मत विभाजन से पहले संप्रग को बाहर से समर्थन दे रहे बसपा और सपा ने सोमवार को भी खुदरा एफडीआई मुद्दे पर समर्थन देने को लेकर सरकार को भ्रम की स्थिति में रखा है।

लोकसभा में इस मुद्दे पर मंगवार से चर्चा शुरू होगी। चर्चा का समापन होने के बाद एफडीआई मुद्दे पर मत विभाजन बुधवार को होगा। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अबतक मिले जुले संकेत दिए हैं लेकिन सरकार को यकीन है कि उसके पास बहुमत है और वह सदन पटल पर जीतने में कामयाब होगी।

मायावती ने एक प्रेस कांफ्रेंस में संकेत दिया कि वह एफडीआई नीति का समर्थन कर सकती हैं क्योंकि इसमें कुछ सकारात्मक बातें भी हैं लेकिन उन्होंने अपनी रणनीति का खुलासा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मत विभाजन के मुद्दे पर बसपा का फैसला सदन पटल पर ही जानने को मिलेगा, जब इस मुद्दे पर मत विभाजन होगा। एफडीआई नीति की एक ही सकारात्मक बात है कि यदि कोई राज्य इसे लागू नहीं करना चाहता तो इसे जबरन किसी राज्य पर नहीं थोपा जाएगा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस बात को गंभीरता से लिया है। हमारी पार्टी यह भी गंभीरता से विचार कर रही है कि उन दलों के साथ खड़ा हुआ जाए या नहीं, जो सांप्रदायिक शक्तियों को प्रोत्साहित करते हैं।