BSP सुप्रीमो मायावती बोलीं- सावरकर पर टिप्पणी शिवसेना को बर्दाश्त नहीं, लेकिन कांग्रेस...

बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया.

BSP सुप्रीमो मायावती बोलीं- सावरकर पर टिप्पणी शिवसेना को बर्दाश्त नहीं, लेकिन कांग्रेस...

BSP सुुप्रिमो मायावती. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • बसपा प्रमुख मायावती ने साधा कांग्रेस पर निशाना
  • कहा, शिवसेना को सावरकर पर टिप्पणी बर्दाश्त नहीं
  • लेकिन कांग्रेस अभी भी उनके साथ सरकार चला रही है
नई दिल्ली :

बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है. लेकिन फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?' बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगे कहा, 'कांग्रेस को इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिये. वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी.'

बता दें कि एक दिन पहले ही दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित 'भारत बचाओ रैली' में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि मेरा नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, जो माफी मांगूंगा. राहुल ने यह बात अपने 'रेप इन इंडिया' वाले बयान पर बीजेपी (BJP) की माफी मांगने की मांग को लेकर कही थी. राहुल के इस बयान पर बीजेपी के साथ ही महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन में बैठी शिवसेना (Shiv Sena) ने भी नाराजगी जाहिर की थी.  

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शिवसेना (Shiv Sena) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के तंज पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि हिंदुत्व विचारक के प्रति श्रद्धा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने ट्वीट किया, कि '‘वीर सावरकर न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश के लिए आदर्श हैं. सावरकर का नाम राष्ट्र और स्वयं के बारे में गौरव को दर्शाता है. नेहरू और गांधी की तरह सावरकर ने भी देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया. ऐसे प्रत्येक आदर्श को पूजनीय मानना चाहिए. इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता.”