बजट 2019: किसको मिला फायदा और किसका हुआ नुकसान

मोदी सरकार के इस अंतरिम बजट से किसको हुआ फायदा और किसको हुआ नुकसान.  

बजट 2019: किसको मिला फायदा और किसका हुआ नुकसान

Budget 2019: इस बजट में किसको हुआ फायदा किसको हुआ नुकसान

खास बातें

  • मध्यम वर्ग और किसानों के लिए बहुत कुछ
  • बजट में रक्षा के हिस्से को लेकर उठे सवाल
  • विपक्ष ने करार दिया चुनावी बजट
नई दिल्ली:

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट को विपक्ष की तरफ से चुनावी बजट करार दिया जा रहा है. सरकार ने इस बजट में कई योजनाएं और सौगात दी. नौकरी पेशा लोगों के लिए जहां टैक्स में राहत की घोषण की गई तो वहीं किसानों के लिए भी इस बजट में काफी कुछ रहा. कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल जब सदन में बजट पेश कर रहे थे तो सदन में लगातार वाह-वाह और मोदी-मोदी के नारे गूंज रहे थे. उन्होंने इस दौरान मोदी सरकार के 4 साल के कामकाजों का भी बखान किया. आम चुनाव से पहले आमतौर पर सरकार अंतरिम बजट पेश करती है जिसमें नई सरकार बनने तक के लिये चार माह का लेखानुदान पारित कराया जाता है. पहले से रेल, कोयला मंत्रालय देख रहे पीयूष गोयल को पिछले सप्ताह ही अरुण जेटली के स्थान पर वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया. जेटली पिछले महीने अपना इलाज कराने अचानक अमेरिका चले गये.  चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी. मोदी सरकार के इस बजट से किसको फायदा और किसको नुकसान हुआ. देखें यहां. 

किसान 
ऑइस बजट में किसानों के लिए काफी कुछ रहा. वित्त मंत्री ने बजट में दो हेक्टयेर तक की जोत वाले 12 करोड़ छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये तीन हजार रुपये की पेंशन देने के लिये ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना' शुरू करने का प्रस्ताव किया है. किसानों को सालभर में दो-दो हजार रूपये की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये उनके खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे. योजना चालू वित्त वर्ष में ही एक दिसंबर 2018 से लागू मानी जायेगी और इस साल इसके लिये 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इस योजना का फायदा देश के 12 करोड़ किसानों को मिलेगा. 

टैक्स 
नौकरी पेशा लोगों को राहत देते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अब पांच लाख रुपये तक की टैक्स योग्य इनकम वाले लोगों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा, हालांकि करयोग्य आय इससे ज़्यादा होने की स्थिति में मौजूदा दरों से ही टैक्स अदा करना होगा. इस घोषणा से उन सभी लोगों को कम से कम 13,000 रुपये की बचत होगी, जिनकी कुल करयोग्य आय पांच लाख रुपये या उससे कम होगी. अब तक ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक की करयोग्य आय पर पांच फीसदी टैक्स देना पड़ता था. पांच लाख रुपये से ज़्यादा करयोग्य होने की स्थिति में पांच फीसदी टैक्स की यही दर अब भी लागू होगी. 

मजदूर वर्ग 
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये 100 रुपये के उनके मासिक योगदान के साथ 60 साल की आयु पूरी होने के बाद उन्हें 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जायेगी. 18 वर्ष की आयु में इस योजना से जुड़ने वालों कामगारों को 55 रुपये प्रतिमाह का अंशदान देना होगा जबकि 29 वर्ष की आयु में योजना से जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगार को 100 रुपये प्रतिमाह का अंशदान 60 वर्ष की आयु तक करना होगा. सरकार भी इस दौरान प्रत्येक माह बराबर की राशि पेंशन खाते में जमा करेगी. योजना के लिये पहले साल बजट में 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. 

ग्रामीण भारत
ग्रामीण भारत के लिए इस बजट में काफी कुछ रहा, ग्रामीण इलाकों में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए गोकुल मिशन की शुरुआत की गई. इसके अलावा छोटे व मध्यम वर्गीय उद्योगों को बढ़ाने के लिए सरकार की योजनाओं का फायदा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलेगा.  

रियल एस्टेट
रीयल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए गोयल ने बिना बिके मकानों के अनुमानित किराए पर कर में छूट को एक साल से बढ़ाकर दो साल करने का प्रस्ताव किया है. यह छूट परियोजना पूर्ण होने के साल के अंतिम समय से शुरू होगी.संपत्ति सलाहकारों के अनुसार सात-आठ बड़े शहरों में छह से सात लाख आवास बिना बिके हुए पड़े हैं. अंतरिम बजट में अचल संपत्ति को बेचने पर होने वाले 2 करोड़ रूपये तक के पूंजीगत लाभ पर करदाता आयकर अधिनियम की धारा 54 के अंतर्गत कर से छूट देने का प्रस्ताव किया है यदि वह अपनी पूंजी का इस्तेमाल दो घरों की खरीद पर करता है. अभी तक यह छूट एक घर में निवेश पर ही उपलब्ध है. हालांकि इस लाभ को जीवन में एक बार ही प्राप्‍त किया जा सकता है. 

ऑटो मेकर्स 
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ऐलान किया है, विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि इससे ऑटो इंडस्ट्री को रफ्तार मिलेगी. 

बॉन्ड होल्डर्स 
इस बजट से बॉन्ड होल्डर्स को नुकसान पहुंच सकता है. सरकार का वित्तिय कोष घाटा 3.4 फीसदी होने का अनुमान जताया जा रहा है. 

विपक्षी दल 
इस बजट पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. जाहिर है इस लोकलुभावन बजट का सीधा नुकसान उन्हें लोकसभा चुनाव में मिल सकता है. 

खेतिहर मजदूर 
बजट में किसानों को 6 हजार सालाना पेंशन देने की बात कही गई. इसका फायदा खेत मालिकों को तो मिलेगा लेकिन खेत में मजदूरी करके गुजारा करने वाले लोगों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.  

रक्षा 
3 लाख करोड़ का आवंटन किया गया जिनमें अधिकतम बजट का इस्तेमाल नए रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए किए जाएंगे. उम्मीद जताई जा रही थी कि रक्षा के लिए ज्यादा फंड आवंटित होगा. 

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