Budget 2021 : आयकर भरने वालों को बजट में क्या मिला, 7 प्वाइंटर्स में समझें

आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी गई है.

Budget 2021 : आयकर भरने वालों को बजट में क्या मिला, 7 प्वाइंटर्स में समझें

प्रतिकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को 2021-22 के लिये कुल 34,83,236 करोड़ रुपये के व्यय का बजट (Budget 2021 ) पेश किया है. यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 34,50,305 करोड़ रुपये से थोड़ा ही अधिक है. इसमें पूंजी व्यय 5,54,236 करोड़ रुपये है, जो 2020-21 के संशोधित अनुमान 4,39,163 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है. बजट दस्तावेज के अनुसार राजस्व खाते पर व्यय 29,29,000 करोड़ रुपये अनुमानित है जबकि 2020-21 के संशोधित अनुमान के अनुसार इस मद पर खर्च 30,111,42 करोड़ रुपये दर्शाया गया है. राजस्व खाते से ब्याज भुगतान अगले वित्त वर्ष में 8,09,701 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के अनुसार 6,92,900 करोड़ रुपये है. बजट में वित्त मंत्री ने कई क्षेत्रों के लिए बड़े ऐलान किए हैं. वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब में तो कोई बदलाव नहीं किए. लेकिन आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी. आइए, आपको बताते हैं कि आयकर से जुड़े मामलों में क्या किए गए हैं ऐलान...

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर मामलों में जहां छिपायी गयी आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है, यह अवधि 10 साल होगी. 

  2. वित्त मंत्री सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में यह घोषणा भी की कि केवल पेंशन और ब्याज आय वाले 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी. ब्याज का भुगतान करने वाले बैंक अपनी ओर से कर की कटौती कर लेंगे.

  3. आकलन संबंधी मामलों को फिर से खोले जाने को लेकर करदाताओं के मन में बनी अनिश्चितता को दूर करने के लिए इसकी समय सीमा पहले की छह साल से कम कर तीन साल होगी. 

  4. वित्त मंत्री ने कहा कि कर विभाग अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की दोहरा कराधान संबंधी कठिनाइयों को दूर करने के लिए नियमों को अधिसूचित करेगा.

  5. उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध प्रतिभूतियों से पूंजीगत लाभ, लाभांश आय और बैंकों तथा डाकघरों से ब्याज आय के विवरण के साथ पहले से भरे हुए आयकर रिटर्न जल्द ही उपलब्ध होंगे. 

  6. बजट प्रस्ताव के अनुसार 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी वाले छोटे करदाताओं के लिए एक विवाद समाधान समिति गठित की जाएगी. 

  7. 1.10 लाख करदाताओं ने कर विवादों के हल के लिए प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाया है. बजट में ‘फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल' शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है. (इनपुट- पीटीआई से)