
राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रमुख बातें
नागरिकता संशोधन कानून- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नागरिकता संशोधन कानून पर कहा कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है. बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए, समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया. हमारे राष्ट्र निर्माताओं की उस इच्छा का सम्मान करना, हमारा दायित्व है. सरकार ने इस कानून को बनाकर बापू के इच्छा को पूरा किया है. साथ ही राष्ट्रपति ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करते हुए विश्व समुदाय से इस मुद्दे पर संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह किया.
धारा 370 को हटाना ऐतिहासिक कदम- राष्ट्रपति कोविन्द ने धारा 370 को हटाए जाने को ऐतिहासिक कदम बताया उन्होंने कहा संसद के दोनों सदनों द्वारा दो तिहाई बहुमत से संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को हटाया जाना, न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर और लद्धाख के विकास के लिए लगातार काम कर रही है.
राष्ट्रपति ने कहा वाद -विवाद लोकतंत्र को मजबूत बनाता है- बजट सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वहीं विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है.
आयोध्या के मुद्दे पर जनता ने परिपक्वता दिखाया- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अयोध्या मामले में अदालत के फैसले के बाद देश भर में रही शांती के लिए आम लोगों की प्रशंसा की उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि पर फैसले के बाद देशवासियों द्वारा जिस तरह परिपक्वता से व्यवहार किया, यह बेहद प्रशंसनीय है.
केंद्र सरकार ने अच्छे काम किये हैं- सरकार के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होने कहा सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए सुधारों का ही परिणाम है कि अनेक क्षेत्रों में भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अभूतपूर्व सुधार आया है. उन्होंने कहा आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम भारत में है. स्टार्ट अप इंडिया अभियान के तहत देश में 27 हज़ार नए स्टार्ट अप्स को मान्यता दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि 2014 में भारत में मोबाइल बनाने वाली सिर्फ 2 कंपनियां थीं. आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है.
बोडो समस्या का समाधान अहम कदम- राष्ट्रपति ने कहा कि पांच दशकों से चली आ रही बोडो समस्या को समाप्त करने के लिए केंद्र और असम सरकार ने हाल ही में बोडो संगठनों के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है. इस समझौते से, ऐसी जटिल समस्या, जिसमें 4 हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, उसका समाधान निकला हैत्रिपुरा, मिजोरम, केंद्र सरकार और ब्रू जनजाति के बीच हुए ऐसे ही एक और ऐतिहासिक समझौते से, न सिर्फ दशकों पुरानी समस्या हल हुई है बल्कि इससे ब्रू जनजाति के हजारों लोगों के लिए सुरक्षित जीवन भी सुनिश्चित हुआ है. उन्होंने कहा कि समझौते के बाद बोडो समुदाय के विकास के लिए सरकार द्वारा 1,500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे
सेना को मजबूत बनाया जा रहा है- रामनाथ कोविंद ने कहा कि बदलते समय में, देश की रक्षा से जुड़ी नई और जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए मेरी सरकार, सेनाओं को और भी सशक्त, प्रभावशाली और आधुनिक बना रही है. CDS की नियुक्ति और सैन्य मामलों का विभाग का गठन इसी दिशा में उठाया गया कदम है
महिलाओं के लिए सरकार ने उठाए हैं कदम - रामनाथ कोविंद ने कहा कि महिलाओं के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं साथ ही सरकार के द्वारा लिए गए फैसलों की वजह से, गरीब और मध्यम वर्ग का इलाज का खर्च काफी कम हुआ है. साथ ही उन्होने कहा सरकार, महिला स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रयास कर रही है. शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम हुए हैं इतिहास में पहली बार छात्राओं ने छात्रों के मुकाबले ज्यादा संख्या में दाखिला लिया है.
भारतनेट योजना के तहत हो रहे हैं काम- देश के राष्ट्रपति ने कहा भारतनेट योजना के तहत अब तक सवा लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ा जा चुका है. 2014 में देश के ग्रामीण इलाकों में 60 हजार कॉमन सर्विस सेंटर्स थे, आज इनकी संख्या बढ़कर 3 लाख 65 हजार से ज्यादा हो गई है.
प्रदूषण और वन रक्षा के क्षेत्र में हो रहें हैं काम- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देशवासियों के प्रयास से भारत में पिछले चार साल में पेड़ और वन के क्षेत्र में 13 हजार वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है. इसी तरह बाघों की संख्या जो 2014 में 2,226 थी वह जुलाई, 2019 में बढ़कर 2,967 हो चुकी है.देश में बाघों की बढ़ती संख्या संतोष का विषय है.साथ ही उन्होंने कहा कि क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में भारत विश्व में प्रभावी भूमिका निभा रहा है. सरकार के प्रयासों से अब देश में एलपीजी कवरेज 55 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 97 प्रतिशत हो गया है.