बुलंदशहर हिंसा: जेल से बाहर आ सकता है गोकशी का आरोपी महबूब अली, रासुका पर SC ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कथित गोकशी के एक आरोपी महबूब अली की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका (NSA) पर रोक लगा दी है.

बुलंदशहर हिंसा: जेल से बाहर आ सकता है गोकशी का आरोपी महबूब अली, रासुका पर SC ने लगाई रोक

गोकशी के आरोपी महबूब अली ने रासुका पर SC ने लगाई रोक

खास बातें

  • स्याला कांड में गोकशी के आरोपी की रासुका पर रोक
  • जेल से बाहर आ सकता है गोकशी का आरोपी
  • यह ऐसा मामला नहीं जिससे शांति भंग हो: जस्टिस
नई दिल्ली:

बुलंदशहर के स्याना कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कथित गोकशी के एक आरोपी महबूब अली की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका ( NSA) पर रोक लगा दी है. मामले में जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है जहां शांति और सौहार्द भंग हो. यह बेतुका है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले से महबूब अली जेल से बाहर आ सकता है. महबूब अली ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उसका नाम FIR में भी नहीं था लेकिन यूपी पुलिस ने अन्य लोगों के बयानों के आधार पर उसको आरोपी बनाया. उसे जमानत ना मिले इसलिए उस पर भी रासुका लगा दिया गया. ये हिरासत पूरी तरह गैर कानूनी है और गोकशी में शामिल नहीं था.

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इससे पहले उसकी ओर से इस हिरासत के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैबियस कॉरपस याचिका लगाई थी और हिरासत को गैर कानूनी बताया था. लेकिन मई 2019 में हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. दरअसल बुलंदशहर जिला प्रशासन ने स्याना तहसील में दिसंबर 2018 हुई गोकशी की कथित घटना के संबंध में गिरफ्तार तीन लोगों पर  कड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया था. जिससे इन आरोपियों को जमानत मिलना मुश्किल हो गया था.  

स्याना के गांव महाव के बाहर खेतों में तीन दिसंबर को मवेशियों के कंकाल मिले थे जिसके बाद भीड़ ने उत्पात मचाते हुए चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हमला कर दिया था. निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह (44) और चिंगरावठी के एक व्यक्ति सुमित कुमार (20) की इस हिंसा में गोली लगने से मौत हुई थी.

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इस घटना के संबंध में स्याना थाने में दो FIR दर्ज हुई थीं. पहली  FIR हिंसा के संबंध में दर्ज हुई जिसमें करीब 80 लोगों को नामजद किया गया. जबकि दूसरी FIR गोकशी के लिए दर्ज हुई. गोकशी मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें से तीन आरोपियों अजहर खान, नदीम खान और महबूब अली पर रासुका लगाया गया है. 

जिला मजिस्ट्रेट अनुज झा ने कहा था तीन आरोपियों ने जमानत के लिए आवेदन दिया था और उन्हें जमानत मिलने की संभावना थी. इस बात को ध्यान में रखते हुए उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया है.

झा ने एक बयान में कहा था कि लोक व्यवस्था और शांति कायम रखते हुए तीनों को रासुका की धारा तीन की उपधारा तीन के तहत नामजद किया गया है.कार्रवाई पुलिस रिपोर्ट के आधार पर की गई जिसमें कहा गया कि तीनों गैरकानूनी तरीके से धन कमाने के लिए गोकशी में संलिप्त थे.

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झा ने कहा कि उनके कृत्यों ने महाव और नयाबांस गांवों में हिन्दुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाई जिसके बाद हिंसा हुई और इसमें लोगों ने लाठियों तथा धारदार हथियारों से पुलिस पर हमला किया और निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की मौत हुई. इससे कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल बिगड़ा.