यह ख़बर 04 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

उपचुनावों में भाजपा को झटका, कांग्रेस को राहत

खास बातें

  • देश के छह राज्यों में विधानसभा की आठ सीटों और प. बंगाल की द. कोलकाता लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे रविवार को सामने आ गए।
नई दिल्ली:

देश के छह राज्यों में विधानसभा की आठ सीटों और पश्चिम बंगाल की दक्षिण कोलकाता लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे रविवार को सामने आ गए। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जहां तगड़ा झटका लगा है वहीं कांग्रेस ने राहत की सांस ली है। दक्षिण कोलकाता लोकसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने अपना कब्जा बरकरार रखा। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, बिहार, झारखण्ड और उड़ीसा में विभिन्न कारणों से रिक्त हुई आठ विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को मतदान हुआ था। इसी दिन दक्षिण कोलकाता सीट पर भी मतदान हुआ था। विधानसभा उपचुनाव हरियाणा और हिमचाल प्रदेश की दो-दो सीटों और ओडिशा, बिहार, झारखंड तथा कर्नाटक की एक-एक सीटों पर हुए थे। हरियाणा की रतिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने 29 सालों बाद जीत दर्ज की जबकि हिमाचल में उसने भाजपा से एक सीट छीन ली। वहीं भाजपा को बेल्लारी में करारी हार का सामना करना पड़ा। उसने हिमाचल की एक सीट भी गंवाई। पश्चिम बंगाल में दक्षिण कोलकाता संसदीय सीट के लिए हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने अपना कब्जा बरकरार रखा। पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत बख्शी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के रीताब्रत बनर्जी को दो लाख 30 हजार वोट से हराया। यहां से चुनाव लड़ रहे तीन निर्दलीय प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। यह सीट पश्चिम बंगाल विधानसभा उप चुनाव में दो महीने पहले ममता बनर्जी द्वारा भवानीपुर से जीत दर्ज किए जाने के बाद रिक्त हुई थी। भवानीपुर से विधायक निर्वाचित होने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस जीत के साथ ही लोकसभा में तृणमूल के सदस्यों की संख्या 19 हो गई है। वह केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में कांग्रेस के बाद दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सांसदों की संख्या तृणमूल से एक कम है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने रविवार को एक-एक सीट पर जीत दर्ज कराई। रेणुका (सुरक्षित) सीट से भाजपा के हृदय राम ने कांग्रेस के विनय कुमार को 3,500 मतों से पराजित किया। कुमार दिवंगत प्रेम सिंह के पुत्र हैं, जो कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से छह बार निर्वाचित हुए थे। सोलन जिले की नालागढ़ सीट पर कांग्रेस के लखविंदर राणा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की  गुरनाम कौर को 1,500 मतों से पराजित किया। कौर दिवंगत एच.एन. सैनी की पत्नी हैं, जिन्होंने इस सीट का तीन बार प्रतिनिधित्व किया था। हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट से हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) तथा भाजपा गठबंधन और रतिया से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई। आदमपुर में हजकां-भाजपा उम्मीदवार रेणुका बिश्नोई कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कुलवीर सिंह बेनीवाल से 22,669 वोट से जीत गईं। वहीं, रतिया में कांग्रेस उम्मीदवार जरनैल सिंह ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की प्रत्याशी सरफी देवी को 12,703 वोट से हराया। कर्नाटक की बेल्लारी ग्रामीण विधानसभा सीट पर खनन कारोबारी रेड्डी बंधुओं के सहयोगी और राज्य के पूर्व मंत्री बी. श्रीरामुलू ने जबरदस्त जीत हासिल की है। इस जीत से राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा को करारा झटका लगा है क्योंकि श्रीरामुलू ने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। भाजपा के उम्मीदवार पी. गदिलिंगप्पा तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें मात्र 17,366 मत मिले। श्रीरामुलू ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रत्याशी बी. रामप्रसाद को लगभग 46,000 मतों से हराया। श्रीरामुलू ने मई 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में भी रामप्रसाद को हराया था। तीनों भाई जनार्दन रेड्डी, करुणाकर रेड्डी एवं सोमशेखर रेड्डी अभी भी भाजपा में हैं। हालांकि श्रीरामुलू का साथ देने के आरोप में पार्टी ने सोमशेखर को निलम्बित कर दिया है। करुणाकर एवं सोमशेखर विधान सभा एवं जनार्दन रेड्डी विधान परिषद के सदस्य हैं। बेल्लारी के उपायुक्त एए बिश्वास के अनुसार, इस विधानसभा क्षेत्र में मतदान के पात्र रहे लगभग 171,000 मतदाताओं में से 71 प्रतिशत से अधिक ने मतदान किया था। श्रीरामुलू को 74,527 एवं रामप्रसाद को 27,737 मत मिले। बिहार के लौकहा विधानसभा सीट पर जनता दल (युनाइटेड) ने अपना कब्जा बरकरार रखा। पार्टी के उम्मीदवार सतीश कुमार साह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के डॉ. मुख्तार अहमद को 12, 763 मतों के अंतर से पराजित किया। पूर्व पंचायतीराज मंत्री हरिप्रसाद साह के निधन से मधुबनी जिले की यह सीट रिक्त हुई थी। दिवंगत साह के बेटे सतीश कुमार साह को जद (यु) ने अपना उम्मीदवार बनाया था। झारखण्ड की मांडू विधानसभा पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने 23,000 मत से जीत हासिल कर इस पर कब्जा बरकरार रखा। झामुमो के जयप्रकाश भाई पटेल को उपचुनाव में 52,404 मत मिले, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी कुमार महेश सिंह को 28,636 मत मिले। झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के प्रत्याशी मनीष जायसवाल 23,433 मत के साथ तीसरे स्थान पर रहे। झामुमो के पूर्व विधायक टेकलाल महतो की मृत्यु के बाद यह सीट खाली थी। ओडिशा के नबरंगपुर जिले की उमरकोट विधानसभा सीट बीजू जनता दल (बीजद) के प्रत्याशी सुभाष गोंड ने जीत ली है। गोंड ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के धर्मु गोंड को 20,000 से ज्यादा मतों से हराया। बीजद विधायक जगबंधु माझी की गत 24 सितम्बर को हत्या हो जाने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव कराया गया।


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