अलविदा 2016 : दुर्घटनाएं, जो दे गईं कभी न भरने वाले घाव...

अलविदा 2016 : दुर्घटनाएं, जो दे गईं कभी न भरने वाले घाव...

इंदौर-पटना एक्‍सप्रेस हादसे में 150 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

अतीत का पन्ना बनने जा रहा वर्ष 2016 महाराष्ट्र के रायगढ़ में पिकनिक मना रहे 14 छात्रों के डूबने, पुत्तिंगल मंदिर अग्निकांड में 100 से अधिक लोगों की मौत, इंदौर पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरने पर 150 से अधिक लोगों की जान जाने तथा ओडिशा के एक अस्पताल में आग लगने से 24 लोगों के मारे जाने जैसे कभी न भरने वाले घाव दे कर जा रहा है.

इसी साल सीमा के करीब सियाचिन ग्लेशियर स्थित एक सैन्य चौकी के हिमस्खलन की चपेट में आने से उसमें नौ सैनिक जिंदा दफन हो गए और जीवित बच गए एक सैनिक ने बाद में दम तोड़ दिया. साल के दूसरे महीने फरवरी की पहली तारीख को ही महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में मशहूर मुरूड-जंजीरा बीच पर पिकनिक मनाने पहुंचे पुणे के एक कॉलेज के 18 विद्यार्थी समुद्र में तैरने गए और तेज लहरों में बह गये. इनमें से 14 छात्रों की डूबने से मौत हो गई. 18 से 20 साल की उम्र के यह छात्र पुणे के इनामदार कॉलेज के बीएससी और बीसीए कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थी थे.

तीन फरवरी को जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में सियाचिन ग्लेशियर के उत्तर में 19,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित एक सैन्य चौकी के हिमस्खलन की चपेट में आने से एक जेसीओ सहित नौ सैनिक मारे गए लेकिन लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पाड को जीवित निकाल लिया गया. सात दिन तक मौत से जूझने के बाद 11 फरवरी को कोप्पाड ने दम तोड़ दिया. चौकी पर तैनात सभी जवान मद्रास बटालियन से थे. पांच फरवरी को दक्षिण गुजरात के नवसारी में गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) की एक बस सूपा गांव के पास पूर्णा नदी में डूब गई जिससे 41 लोगों की जान चली गई.

कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाके में 31 मार्च को एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का लगभग 60 मीटर लंबा हिस्सा अचानक गिर गया था और कई लोग इसके नीचे दब गए थे. हादसे में 24 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस हादसे के बाद सरकार ने सभी निर्माणाधीन राजमार्ग और फ्लाईओवर परियोजनाओं की समीक्षा का ऐलान कर दिया.

केरल के कोल्लम में 10 अप्रैल को करीब 100 साल पुराने पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में आतिशबाजी के दौरान आग लग गई जिससे 111 लोगों की मौत हो गई और 400 से अधिक लोग घायल हो गए. आतिशबाजी के लिए राजस्व और पुलिस अधिकारियों ने कोई इजाजत नहीं दी थी जो सालाना उत्सव के तहत मध्यरात्रि में शुरू हुई थी. इसे देखने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए थे. महाराष्ट्र में 31 मई को वर्धा जिले के पुलगांव स्थित देश के सबसे बड़े आयुध डिपो में भीषण आग लगने से दो सैन्य अधिकारियों सहित 18 रक्षा कर्मियों की मौत हो गई.

मेघालय में 14 जून को गुवाहाटी जा रही एक बस पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के सोनापुर इलाके में एक राजमार्ग से खाई में जा गिरी जिससे 29 व्यक्ति मारे गये. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली जिले के विभिन्न हिस्सों में एक जुलाई को तड़के भारी बारिश होने और बादल फटने से 12 लोगों की मौत हो गयी तथा दर्जनों घर जमींदोज हो गये और मलबे में कई लोग दब गये.

20 नवंबर को उत्तर प्रदेश में कानपुर के पुखरायां में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गये. हादसे में 150 यात्रियों की जान चली गयी. हादसा मध्यरात्रि के बाद हुआ. उस समय यात्री अपने अपने डिब्बे में सो रहे थे. दुर्घटना के बाद सैकड़ों यात्री डिब्बों में फंस गये. उत्तर प्रदेश में ही इससे पहले, 15 अक्टूबर को वाराणसी-चंदौली सीमा पर एक धार्मिक आयोजन में शामिल होने आयी भीड़ में भगदड़ मच गयी, जिससे 24 लोगों की मौत हो गयी जबकि 50 अन्य घायल हो गये. जयगुरुदेव के हजारों अनुयायी चंदौली के डोमरी गांव के धार्मिक आयोजन में शामिल होने जा रहे थे कि गंगा नदी पर बने राजघाट पुल पर भगदड़ मच गयी. मृतकों में 20 महिलाएं थीं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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