CBI विवाद पर सरकार का जवाब: जांच तय करना CVC का काम, विपक्ष के आरोप बकवास

सीबीआई (CBI) में जारी घमासान के बीच सरकार ने बुधवार को अपना पक्ष रखा.

CBI विवाद पर सरकार का जवाब: जांच तय करना CVC का काम, विपक्ष के आरोप बकवास

CBI vs CBI मामले पर केंद्र सरकार का जवाब

नई दिल्ली:

सीबीआई (CBI vs CBI) में जारी घमासान के बीच सरकार ने बुधवार को अपना पक्ष रखा. सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से कहा कि सीबीआई में जो भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. साथ ही आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले की आलोचना के जवाब में सरकार ने कहा कि सीवीसी की सिफारिश के आधार पर ही उन्हें छुट्टी पर भेजा गयाय. अरुण जेटली ने कहा कि सीवीसी के पास इस सीबीआई मामले की जांच करने का अधिकार है और उसके पास सारे कागजात हैं. वहीं, कैबिनेट फैसले पर रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने एक अहम फैसला किया है, जिसके मुताबिक, अब आशा वर्करों के लिए विजिट चार्ज 250 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया गया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि कि कैबिनेट ने हाई लेवल कमेटी बनाई है जो सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल की मॉनीटरिंग करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि बेनामी संपत्ति के मामले में अपील अथॉरिटी को मंजूरी दी है. वहीं सरकार ने कहा कि आशा वर्करों के लिए विजिट चार्ज 250 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया गया है. 

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज पीएम को पीस अवार्ड मिला. यह गर्व की बात है. पहले बान की मून को मिला है. उल्लेखनीय बात यह है कि आर्थिक दिशा और दशा को गतिमान के लिए पीएम को मिला है  उन्होंने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने भ्रष्टाचार पर हमला बोला. इससे टैक्स रिटर्न बढ़ा है.  

मीडिया को ब्रीफ करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि सीबीआई देश की प्रीमियर जांच एजेंसी है. उसकी गरिमा बनी रहे यह जरूरी है. सीबीआई की संस्थागत गरिमा बनाए रखना और इस दिशा में कदम उठाना अनिवार्य है. विचित्र और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हुई है. दो बड़े अधिकारी हैं. एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. 

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मीडिया को ब्रीफ करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि सीबीआई देश की प्रीमियर जांच एजेंसी है. उसकी गरिमा बनी रहे यह जरूरी है. सीबीआई की संस्थागत गरिमा बनाए रखना और इस दिशा में कदम उठाना अनिवार्य है. विचित्र और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हुई है. दो बड़े अधिकारी हैं. एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसकी जांच को तय करना सीवीसी का काम है और उसके पास सारे कागजात हैं. 

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अरुण जेटली ने कहा कि यह जांच सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. CVC के पास अधिकार हैं.  जांच फेयर तरीके से हो यह पावर सीवीसी का है. बड़े अधिकारियों ने भी अपनी शिकायत सीवीसी को की है. सीवीसी के पास सारा मैटेरियल है जो एक दूसरे के ऊपर आरोप लगे हैं. कल सीवीसी ने अपनी मीटिंग में यह सिफारिश की कि आरोपों की जांच न तो ये दोनों अधिकारी कर सकते हैं न ही इनकी निगरानी में कोई एजेंसी कर सकती है. इसलिए सीबीआई की गरिमा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया कि ये दोनों अधिकारी छुट्टी पर जाएं ताकि पारदर्शी तरीके से जांच हो सके.

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अरुण जेटली ने कहा कि जैसे जांच का अधिकार सीवीसी के पास है उसी तरह अन्य अधिकार केंद्र के पास है. विपक्ष के आरोप बे सिर पैर के हैं. हम यह अनुमान नहीं लगाएंगे कि कौन दोषी है, कौन नहीं है. यह कानून का काम है. भारत की जांच एजेंसी की गरिमा बनी रहे यह प्राथमिकता है. एक स्वतंत्र एसआईटी जांच करेगी. 

एसआईटी के गठन के सवाल पर अरुण जेटली ने कहा कि यह हमारा काम नहीं है. यह एजेंसी का काम है. ये उन पर निर्भर है. सीवीसी क्या सीबीआई को रिकमेंड करती है. राकेश अस्थाना के पीएम के ब्लू आइज ब्वॉय के सवाल पर अरुण जेटली ने कहा कि क्रिमिनल केस में रेड आई या ब्लू आई मैटर नहीं करता है. सबूत महत्वपूर्ण होते हैं. 

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