CAG रिपोर्ट में केजी बेसिन निवेश पर उठे सवाल, कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

CAG रिपोर्ट में केजी बेसिन निवेश पर उठे सवाल, कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने कैग की उस रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा, जिसमें कृष्णा गोदावरी (केजी) ब्लॉक परियोजना में गुजरात सरकार के निवेश पर सवाल किए गए हैं। कांग्रेस ने कहा कि इससे गुजरात मॉडल तथा 'ब्रांड नमो' के मिथक का पर्दाफाश होता है। उसने मामले की जेपीसी से जांच कराए जाने की मांग की।

पार्टी की विशेष ब्रीफिंग में वरिष्ठ पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा तथा एआईसीसी के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 31 मार्च को गुजरात विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट तत्कालीन मोदी सरकार पर 'गंभीर' अभ्यारोपण है तथा 'अमानत में ख्यानत, सूट-बूट सांठगांठ वालों की अवैध समृद्धि और गलत इरादों से सरकारी खजानों को नुकसान' परिलक्षित होता है।

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से 'पूरी सच्चाई' का खुलासा होता है कि किस प्रकार गुजरात के लोगों की मेहनत से अर्जित 19,716 करोड़ रुपये तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी की निगरानी के तहत गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम (जीएसपीसी) द्वारा 'गंवा' दिए गए।

आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, 'यह जरूरी है कि मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए, क्योंकि प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच किसी अन्य समिति द्वारा नहीं की जा सकती...। हम इस मांग पर दृढ़ रहेंगे। वह (मोदी) निश्चित रूप से कानून से ऊपर नहीं हैं।' विपक्षी पार्टी ने संकेत दिया कि वह संसद के अगले सत्र में प्रधानमंत्री को निशाना बनाने के लिए यह मुद्दा उठा सकती है।

पार्टी ने एक वीडियो भी प्रदर्शित किया, जिसमें गैस परियोजना पर मोदी की कुछ टिप्पणियां, कैग रिपोर्टों को लेकर यूपीए सरकार के खिलाफ उनके ट्वीट, तत्कालीन विपक्ष के नेताओं अरुण जेटली एवं सुषमा स्वराज के कुछ खास बयानों को शामिल किया गया था। शर्मा ने कहा, 'चूंकि कैग द्वारा अभ्यारोपण गंभीर है और इससे सार्वजनिक राशि जुड़ी हुई है, एक जेपीसी की काफी जरूरत है।' कैग ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जीएसपीसी के केजी ब्लॉक परियोजना में 19,576 करोड़ रुपये के निवेश को लेकर सवाल किए हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने 2005 में घोषणा की थी कि जीएसपीसी को दीनदयाल ब्लॉक नामक केजी बेसिन ब्लॉक में 20 टीएफटी गैस मिली है, जहां वाणिज्यिक उत्पादन अभी शुरू होना है। कैग ने जीएसपीसी के वित्त की निराशाजनक तस्वीर भी पेश की है, क्योंकि उसकी उधारी मार्च 2015 तक 19,716 करोड़ रुपये हो गई थी और इसमें 2011 से 177 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)