एआईएडीएमके में खुलेआम शुरू हुई मांग : 'चिनम्मा' शशिकला ही तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनें

एआईएडीएमके में खुलेआम शुरू हुई मांग : 'चिनम्मा' शशिकला ही तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनें

शशिकला नटराजन ने शनिवार को आधिकारिक रूप से एआईएडीएमके की कमान संभाली

चेन्नई:

तमिलनाडु में सत्तासीन ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) के शीर्ष सदस्य तथा लोकसभा सांसद एम थम्बीदुरई ने कहा है कि पिछले ही सप्ताहांत पार्टी प्रमुख नियुक्त की गईं शशिकला नटराजन को ही राज्य सरकार का भी प्रमुख, यानी मुख्यमंत्री होना चाहिए.

थम्बीदुरई का कहना है कि यह समझदारी नहीं होगी कि पार्टी तथा सरकार के लिए अलग-अलग सत्ताकेंद्र हों. उन्होंने कहा, "जब-जब सरकार तथा पार्टी की बागडोर अलग-अलग व्यक्तियों के हाथों में रही है, लोगों के बीच ऐसी सरकारों ने विश्वसनीयता खोई है..."

उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि लोकसभा चुनाव सिर्फ दो वर्ष दूर रहे गए हैं, इसलिए एआईएडीएमके के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि वह दिवंगत नेता जे. जयललिता द्वारा किए वादों को पूरा करे. गौरतलब है कि संसद में एआईएडीएमके की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि उसके पास 37 सांसद हैं, और राज्यसभा में एआईएडीएमके की सदस्य संख्या और भी ज़्यादा अहम है, क्योंकि संसद के उच्च सदन में केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन अल्पमत में है.

62-वर्षीय शशिकला नटराजन भूतपूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की सबसे करीबी सहयोगी रही हैं, और सितंबर के बाद अस्पताल में बिताए उनके समय के दौरान भी वह सारे घटनाक्रम पर बारीक नज़र रखे हुए थीं. 'अम्मा' कहकर पुकारी जाने वाली जयललिता की दिसंबर में हुई अंत्येष्टि के समय भी शशिकला ने ही सभी रस्में निभाई थीं.

जयललिता के स्थानापन्न के रूप में दो बार पहले भी ज़िम्मेदारी का निर्वाह कर चुके ओ. पन्नीरसेल्वम को जयललिता की मृत्यु के बाद मुख्यमंत्री बना दिया गया था. हर समय जयललिता की तस्वीर जेब में रखे रहने के लिए मशहूर पन्नीरसेल्वम ने 'चिनम्मा' (मां की छोटी बहन) के नाम से जानी जाने वाली शशिकला के लिए गद्दी छोड़ देने की ताजा मांग पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

27 वर्ष तक एआईएडीएमके महासचिव का जो पद जयललिता संभाले रही थीं, शनिवार को उसे ग्रहण करते हुए शशिकला ने प्रतिज्ञा की थी कि वह बिल्कुल जयललिता की तरह ही काम करेंगी, और 'कतई कोई बदलाव नहीं होगा...'

पार्टी सूत्रों के अनुसार शशिकला नटराजन ने ही जयललिता के निधन के कुछ घंटे बाद पन्नीरसेल्वम का मुख्यमंत्री के रूप में शपथग्रहण करवाया था, जिसे लेकर आलोचकों का कहना है कि वह चाहती थीं कि पार्टी में सत्ता हस्तांतरण के समय एआईएडीएमके एकजुट रहे और उनके लिए केंद्रीय भूमिका में आने का मार्ग प्रशस्त हो.

हाल ही में राजस्व मंत्री उदयकुमार ने शशिकला को मुख्यमंत्री बनाए जाने का अभियान शुरू किया. पन्नीरसेल्वम के खिलाफ विद्रोह की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, "पन्नीरसेल्वम पार्टी में वफादारी के प्रतीक हैं, और वही पहले शख्स थे, जिन्होंने चिनम्मा से मुख्यमंत्री बनने का आग्रह किया था..."

एआईएडीएमके हमेशा से अपने मुख्य नेता के प्रति निर्विवाद समर्थन प्रदर्शित करने के लिए जानी जाती है. जयललिता के मंत्री सरकारी समारोहों तक में सार्वजनिक रूप से उनके समक्ष साष्टांग किया करते थे, और जयललिता ने भी उन्हें कभी नहीं रोका. सो एआईएडीएमके में इस तरह की मांग उठना स्वाभाविक ही है. पार्टी प्रवक्ता डॉ वी. मैत्रेयन ने भी कहा, "यदि एआईएडीएमके एक रहना चाहती है, और अम्मा के पदचिह्नों पर चलते हुए मजबूत होकर आगे बढ़ना चाहती है, तो एकमात्र चिनम्मा ही ऐसा कर सकती हैं..."


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