क्या आम बजट 1 फरवरी को पेश कर सकती है सरकार, चुनाव आयोग कर रहा है समीक्षा

क्या आम बजट 1 फरवरी को पेश कर सकती है सरकार, चुनाव आयोग कर रहा है समीक्षा

चुनाव आयोग समीक्षा करेगा कि क्या केंद्र सरकार मतदान संपन्न होने से पहले बजट पेश कर सकती है

खास बातें

  • 1 फरवरी को बजट पेश करने के ऐलान का हो रहा है विरोध
  • विपक्षी दलों ने चुनाव से पहले बजट पेश ने करने की मांग की
  • दलों की शिकायत पर चुनाव आयोग कर रहा है इसकी समीक्षा
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा तथा मणिपुर में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करने के साथ ही केंद्रीय निर्वाचन आयोग अब इस बात की समीक्षा कर रहा है कि क्या केंद्र सरकार वार्षिक बजट 1 फरवरी को पेश कर सकती है या नहीं.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ नसीम ज़ैदी ने बताया कि 'एक राजनैतिक दल' ने कहा है कि केंद्र सरकार को चुनाव संपन्न होने से पहले आम बजट 2017-18 पेश करने से रोका जाना चाहिए.

पांच राज्यों के लिए बुधवार को घोषित किए गए कार्यक्रम के अनुसार अलग-अलग राज्यों में मतदान 4 फरवरी से शुरू होकर 8 मार्च तक करवाया जाएगा, तथा पांचों राज्यों में मतगणना का काम एक साथ 11 मार्च को होगा.

आमतौर पर हर साल बजट को फरवरी माह के अंतिम कार्यदिवस पर पेश किया जाता है, लेकिन इन्हीं राज्यों में वर्ष 2012 में पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव के वक्त आम बजट को मार्च माह के मध्य में पेश किया गया था, जब सभी जगह मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कह चुकी है कि वह वित्तवर्ष 2017-18 के लिए आम बजट 1 फरवरी को पेश करेगी. बजट को प्रस्तुत किए जाने की तारीख बदलने की वजह यह सुनिश्चित करना था कि सभी प्रस्ताव 1 अप्रैल से प्रभावी हो सकें. परंतु विपक्षी दलों की शिकायत (राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी से भी शिकायत की गई) है इस कदम से सरकार को अनचाहा लाभ मिलेगा, क्योंकि बजट में लोकलुभावन योजनाएं होंगी, जिनसे मतदाता प्रभावित होंगे. विपक्षी दलों का आरोप है कि इससे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा, जो चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही लागू हो चुकी है, और जिसके तहत किसी भी राजनैतिक दल को ऐसे निर्णय या घोषणाएं करने की मनाही है, जिनसे मतदाताओं को रिझाया जा सके.

संसद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी को शुरू होगा, जब सरकार द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किए जाने की संभावना है, और जिसके बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली अपना चौथा वार्षिक बजट पेश करेंगे. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह निर्णय पिछले साल सितंबर माह में लिया था कि रेल बजट को भी आम बजट में ही शामिल कर दिया जाएगा, जबकि पिछले लगभग 100 साल से दोनों बजट अलग-अलग पेश किए जाते रहे हैं.


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