अपने चुनाव चिह्न के प्रचार के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं कर सकती राजनीतिक पार्टियां : चुनाव आयोग

अपने चुनाव चिह्न के प्रचार के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं कर सकती राजनीतिक पार्टियां : चुनाव आयोग

बीएसपी ने यूपी में सार्वजनिक स्थलों में पार्टी के चुनाव चिह्न हाथियों की मूर्तियां बनवाई थी

खास बातें

  • चुनाव चिह्न के प्रचार के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग नहीं हो सकता : EC
  • मायावती द्वारा हाथियों की मूर्तियां लगाए जाने के खिलाफ केस पर आदेश
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से इस संबंध में नियम बनाने को कहा था
नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को ऐसी गतिविधियों के लिए सार्वजनिक कोष और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करने नहीं दिया जाएगा, जिससे उस पार्टी या पार्टी को आवंटित चुनाव चिह्न का प्रचार हो रहा होगा.

आयोग ने यह कदम इन आरोपों के बीच उठाया है कि बीएसपी ने उत्तर प्रदेश की सत्ता में रहने के दौरान सार्वजनिक स्थलों में पार्टी के चुनाव चिह्न हाथियों की मूर्तियां बनवाई.

दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद आयोग ने यह आदेश जारी किया है. कोर्ट ने जुलाई में वह अर्जी आयोग को वापस भेज दी थी, जिसमें राज्य भर में हाथियों की मूर्तियां बनवाने के मामले में पिछली मायावती सरकार पर सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए बीएसपी के चुनाव चिह्न 'हाथी' को रद्द करने की मांग की गई थी.

आयोग ने कहा, '...आयोग ने निर्देश दिया है कि अब कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी ऐसी गतिविधि में सार्वजनिक धन या सार्वजनिक स्थल या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं करेगी, जिससे उस पार्टी या पार्टी को आवंटित चुनाव चिह्न का प्रचार हो रहा हो.' अपने आदेश में आयोग ने कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि निर्देशों के उल्लंघन को आयोग के वैध निर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा.'

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक एनजीओ की अर्जी पर आदेश पारित किया था. आयोग ने इस मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियों की राय मांगी थी.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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