पूंजीपतियों के साथ समझौते कर किसानों के हितों पर चोट कर रहे कैप्टन अमरिंदर : भगवंत मान

AAP MP Bhagwant Mann ने कहा, कैप्टन बिजली से जुड़ा समझौता अडानी के साथ कर रहे हैं. भगवंत मान ने यह सवाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी किया कि क्या उन्हें यह खबर है या नहीं.

पूंजीपतियों के साथ समझौते कर किसानों के हितों पर चोट कर रहे कैप्टन अमरिंदर : भगवंत मान

Farmers Protest : किसान कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार कर रहे हैं आंदोलन

चंडीगढ़:

आम आदमी पार्टी (AAP) ने किसान आंदोलन को लेकर पंजाब की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोला है. AAP सांसद  भगवंत मान (AAP MP Bhagwant Mann ) ने रविवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में आरोप लगाया, कैप्टन अमरिंदर ऐसे काम कर रहे हैं कि किसानों के आंदोलन को ठेस पहुंच रही है. किसान जिन पूंजीपतियों के खिलाफ लड़ रहे हैं, कैप्टन उन्हीं के साथ समझौते कर रहे हैं. 24 नवंबर को कैप्टन अमरिंदर (Captain Amrindar Singh)  अडानी के साथ एक समझौता किया है. यी वो तारीख थी जब किसान अपने दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे थे. 

मान ने कहा कि शायद गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इसी के लिए उनसे मिलने का बुलावा भेजा था कि अडानी के साथ एग्रीमेंट हुआ या नहीं. एक तरफ कैप्टन किसानों की  उस मांग का समर्थन कर रहे हैं जिसमें वे बिजली बिल संशोधन का विरोध हो रहा है. दूसरी ओर, कैप्टन बिजली से जुड़ा समझौता अडानी के साथ कर रहे हैं. भगवंत मान ने यह सवाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी किया कि क्या उन्हें यह खबर है या नहीं.

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आप सांसद ने कहा कि कैप्टन सरकार से उम्मीद यह थी कि थर्मल प्लांट को लेकर प्राइवेट कंपनियों से किए गए एग्रीमेंट को रद्द किया जाएगा, लेकिन उल्टा ये और समझौते कर रहे हैं. हमने इमरजेंसी के बारे में सुना था, जो इंदिरा गांधी ने लगाई थी, देखी पहली है जो भाजपा सरकार ने लगाई है. गौरतलब है कि किसान 18 दिनों से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (Delhi-Haryana Border) पर डेरा डाले हुए हैं. रविवार को किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे (Delhi-Jaipur Highway) को जाम करने का प्रयास किया. किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद्द किया जाए. केंद्र सरकार कृषि कानूनों में किसानों द्वारा उठाई गई आपत्तियों के मुताबिक संशोधन को तो तैयार है, लेकिन उन्हें पूरी तरह वापस लेने के पक्ष में नहीं है. किसानों ने 14 दिसंबर को अनशन पर बैठने का ऐलान भी किया है.