CBI ने विमान सौदे में कथित रिश्वत के मामले में दर्ज किया IAF अधिकारियों और स्विस कंपनी पर केस, UPA सरकार में हुई थी डील

भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी HTP-32 में लगातार खामियां आने के बाद उसके ऑपरेशन बंद करने के बाद पिलैटस विमान खरीदने का फैसला किया था.

CBI ने विमान सौदे में कथित रिश्वत के मामले में दर्ज किया IAF अधिकारियों और स्विस कंपनी पर केस, UPA सरकार में हुई थी डील

ट्रेनर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल एयर फोर्स ज्वाइन करने वाले कैडेट्स को उड़ान भरना सिखाने के लिए किया जाता है.

नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने साल 2009 में 75 बुनियादी ट्रेनर विमानों की खरीद में कथित अनियमितताओं को लेकर वायु सेना, रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों, हथियार डीलर संजय भंडारी और स्विट्जरलैंड की विमान बनाने वाली कंपनी पिलैटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सीबीआई का आरोप है कि इस सौदे में कथित रूप से 339 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी.

सीबीआई ने शुक्रवार को भंडारी और अन्य आरोपियों के ठिकानों पर दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि कई और जगहों पर छापेमारी की जाएगी. सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में हथियार डीलर संजय भंडारी की कंपनी का भी जिक्र किया गया है, जिसका ऑफिस दिल्ली के पंचशील पार्क में है.

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ट्रेनर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल एयर फोर्स ज्वाइन करने वाले कैडेट्स को उड़ान भरना सिखाने के लिए किया जाता है. भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी HTP-32 में लगातार खामियां आने के बाद उसके ऑपरेशन बंद करने के बाद पिलैटस विमान खरीदने का फैसला किया था. मनमोहन सिंह सरकार ने 75 पिलैटस विमान खरीदने के लिए 2,896 करोड रुपये की डील की थी.

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