IAS रवि आत्महत्या मामले की 3 महीने में जांच को तैयार नहीं हुई CBI तो सरकार ने हटाई समय-सीमा

बैंगलुरु:

सीबीआई ने IAS अधिकारी डी.के. रवि के मौत की जांच करने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि कर्नाटक सरकार ने तीन महीने का वक़्त जांच के लिए दिया है, जो सही नहीं है। बाद में देर शाम कर्नाटक सरकार के गृह विभाग से एक नया नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें समय सीमा की शर्त हटा ली गई है।

राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कहने पर सीबीआई के मुताबिक नया नोटिफिकेशन जारी किया गया। 2009 बैच के आईएएस अधिकारी डी.के. रवि का शव 16 मार्च 2015 को उनके बेंगलुरु के फ्लैट में लटका पाया गया था।

सरकार ने विधानसभा में दूसरे ही दिन बताया की डी.के. रवि ने निजी वजहों से आत्महत्या की। विपक्ष ने इसे हत्या करार देते हुए दलील दी कि डी.के रवि ने रेत और रियल एस्टेट माफिया के खिलाफ अभियान चलाया हुआ था, इसलिए सुनियोजित तरीके से उनकी हत्या की गई है। इसके बाद विपक्ष मामले की सीबीआई जांच की मांग पर अड़ गया।

सीआईडी जांच का आदेश दे चुकी राज्य सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद 23 मार्च 2015 को ये कहते हुए मामला सीबीआई को सौंप दिया था कि तीन महीने के अंदर एजेंसी जांच पूरी करे।

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वहीं डी.के. रवि की महिला मित्र के पति ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई कि वो राज्य सरकार को सीआईडी जांच रिपोर्ट सर्वाजनिक करने से रोके। कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस पर तत्काल रोक तो लगा दी, लेकिन सरकार की अपील पर सुनवाई चल रही है।

देखें सरकार का जारी किया गया नोटिफिकेशन...