यह ख़बर 09 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

निठारी मामले में सीबीआई को सर्वोच्च न्यायालय की लताड़

खास बातें

  • न्यायालय ने कहा कि सीबीआई द्वारा इस तरह के बहानेबाजी करना उपयुक्त नहीं है, वह भी एक ऐसे मामले में जहां दोषी को मृत्युदंड सुनाई जा चुकी है।
New Delhi:

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को वर्ष 2006 के निठारी हत्याकांड में मृत्युदंड पा चुके सुरेंद्र कोली की याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा सुनवाई स्थगित कराने के लिए बहानेबाजी करने पर जांच एजेंसी को लताड़ लगाई। न्यायमूर्ति मरक डेय काटजू और न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा की खंडपीठ ने सीबीआई द्वारा मामले के दस्तावेजों के अनुवाद के लिए छह हफ्तों के समय की जरूरत बताते हुए सुनवाई स्थगित करने की मांग किए जाने पर उसे फटकार लगाई। न्यायालय ने कहा कि जांच एजेंसी द्वारा इस तरह के बहानेबाजी करना उपयुक्त नहीं है, वह भी एक ऐसे मामले में जहां दोषी को सजा- ए- मौत सुनाई जा चुकी है। सीबीआई ने यह बात कहकर न्यायालय को नाराज कर दिया कि उसने नवम्बर 2010 में यह काम शुरू किया था। इस पर न्यायालय ने जानना चाहा कि क्या अनुवाद कार्य पूरा करने के लिए तीन महीने का समय कम था। न्यायालय ने मामले की सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि इसके बाद इस तरह के अनुरोध स्वीकार नहीं किए जाएंगे। कोली को पिछले साल 22 दिसम्बर में मृत्युदंड सुनाया गया था।


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