कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की तलाश में जुटी सीबीआई की टीमें

कुमार कई बार समन के बावजूद एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए जिसके बाद जांच एजेंसी उन्हें तलाश रही है.

कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की तलाश में जुटी सीबीआई की टीमें

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

सारदा घोटाला मामले में जांच का सामना कर रहे पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजीव कुमार को तलाशने में शनिवार को भी सीबीआई की टीमें जुटी रहीं. कुमार कई बार समन के बावजूद एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए जिसके बाद जांच एजेंसी उन्हें तलाश रही है. कुमार का पता लगाने के लक्ष्य से सीबीआई की विशेष अपराध शाख की टीमें भाबनी भवन स्थित सीआईडी कार्यालय सहित शहर के कई दफ्तरों में गई. कुमार पश्चिम बंगाल सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक हैं. सूत्रों ने बताया कि कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त का पता लगाने के लिए सीबीआई की टीम दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित एक निजी अस्पताल में भी गई.

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कुमार ने इस घोटाले की जांच से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्यों को कथित रूप से दबाकर रखा है. सीबीआई की टीम शुक्रवार को पार्क स्ट्रीट स्थित कुमार के सरकारी आवास पर और दक्षिण 24 परगना स्थित एक रिसॉर्ट पर भी गयी थी. पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रमुख ने पिछले सप्ताह सीबीआई को बताया था कि कुमार 9-25 सितंबर तक अवकाश पर हैं. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने शनिवार को आशंका जताई कि कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की हत्या कराई जा सकती है. उन्होंने कहा कि इसकी आशंका इसलिए भी क्योंकि राजीव कुमार को सारदा चिटफंड घोटाले में सभी प्रभावशाली लोगों के बारे में पता है. बता दें कि CBI की टीमें कोलकाता और उसके आसपास विभिन्न स्थानों पर कुमार की तलाश कर रही हैं, क्योंकि एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए कई बार समन भेजे जाने के बावजूद वह पेश नहीं हुए. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) कुमार पर आरोप है कि उन्होंने उन कुछ अहम सबूतों को दबा दिया जिनकी CBI को करोड़ों रूपये के पोंजी घोटाले मामले में अंतिम आरोपपत्र दायर करने के लिए जरूरत है.

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मित्रा ने एक बयान में कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यदि राजीव कुमार को गिरफ्तार किया जाता है और वह बोलते हैं तो कई प्रभावशाली लोग मुश्किल में होंगे. चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं एवं मंत्रियों से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है और कई को गिरफ्तार कर चुकी है. यही वजह है कि तृणमूल सरकार उन्हें बचाने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है. उन्हें चुप करने की कोशिश हो सकती है. हमें आशंका है कि उनकी हत्या की जा सकती है.

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उन्होंने कहा कि राजीव कुमार ने तृणमूल सरकार द्वारा 2013 में चिटफंड घोटाले की जांच के लिए बनाये गये विशेष जांच दल की अगुवाई की थी. लेकिन जब 2014 में सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली तब आरोप लगे कि उन्होंने इस घोटाले में संलिप्त कुछ प्रभावशाली लोगों को मदद पहुंचाने के लिए इस मामले में अहम सबूतों को दबा दिया. तृणमूल कांग्रेस ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. सारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने निवेश पर अधिक रिटर्न का वादा कर लाखों लोगों को 2500 करोड़ रुपये का कथित रूप से चूना लगाया था.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)