केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पंजाब में छह जिले ऐसे हैं, जिनका पराली जलाने में सबसे ज्यादा योगदान है.
खास बातें
- वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने दाखिल किया हलफनामा
- पंजाब में पराली जलाने के मामलों में 44% की बढ़ोत्तरी
- पंजाब के छह जिले पराली जलाने में सबसे आगे, हरियाणा में कम हुए मामले
नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution in Delhi) को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल किया है. केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पंजाब में 2019 की तुलना में इस साल पराली जलाने (Stubble Burning) के मामलों में 44 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 में हरियाणा में पराली जलाने के मामले में 25 फीसदी की कमी आई है.
केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पंजाब में छह जिले ऐसे हैं, जिनका पराली जलाने में सबसे ज्यादा योगदान है. इन जिलों के साम हैं संगरूर, बठिंडा, फिरोजपुर, मोगा, लुधियाना और मुक्तसर. केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के इन सभी छह जिलों में 2019 के बाद से पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है.
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सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR), मॉडल ऑफ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिरोलॉजी के अनुसार, दिल्ली में अक्टूबर से दिसंबर के बीच वायु प्रदूषण में 42 फीसदी पराली का योगदान है. राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा उठाए गए कदमों को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत केंद्र सरकार ने ये जवाब दाखिल किया है. मामले पर आज ही सुनवाई भी होनी है.
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