चार साल में पेट्रोलियम से 18 लाख करोड़ कमा चुकी सरकारों को छूट देने में क्या दिक्कत?

सात साल में पेट्रोलियम उत्पादों से केंद्र सरकार की कमाई 250 फीसदी और राज्यों की कमाई 76 फीसदी बढ़ी

चार साल में पेट्रोलियम से 18 लाख करोड़ कमा चुकी सरकारों को छूट देने में क्या दिक्कत?

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • कीमतें कम करने के सुझाव- सरकारें ड्यूटी कम करें
  • कंपनियां अपना प्रॉफिट मार्जिन कम करें
  • डीलरों का मार्जिन घटाया जाए
नई दिल्ली:

मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमत एक रुपये कम कर दी. इसके पहले आंध्र और राजस्थान ड्यूटी घटा चुके हैं. सवाल है कि अन्य सरकारें यह कदम उठाने से क्यों कतरा रही हैं? जबकि पिछले सात सालों में पेट्रोलियम से केंद्र सरकार की कमाई 250 फीसदी और राज्य सरकारों की कमाई 76 फीसदी बढ़ी है.

क्या पेट्रोलियम उत्पादों से इतनी कमाई नहीं है कि वे कुछ कटौती कर सकें? पेट्रोल-डीज़ल के दाम को लेकर कांग्रेस-बीजेपी अलग-अलग दावे कर रही हैं. लेकिन सवाल है, पेट्रोलियम पदार्थों से किन सरकारों ने कितनी कमाई की.

पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि भारत सरकार और राज्य सरकारों की कुल कमाई 2014-15 में 3,32,619 करोड़ रुपये थी जो 2015-16  में 4,13,824 करोड़ रुपये हो गई. यह कमाई 2016-17 में 5,24,304 करोड़ रुपये और 2017-18 में बढ़कर 5,53,013 करोड़ रुपये हो गई. यानी इन चार सालों में कुल कमाई 18,23,760 करोड़ रुपये हुई.

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लेकिन इस कमाई में केंद्र और राज्यों का अलग-अलग हिस्सा क्या है? मसलन सिर्फ पेट्रोल से हुई कमाई देखें-  पेट्रोल से भारत सरकार की कमाई 2011-12 में 80,100 करोड़ थी जो 2014-15 में 122200 करोड़ हो गई. फिर 2017-18 में बढ़कर 280000 करोड़ हो गई. यानी सात साल में 250% की बढ़ोतरी. इस दौरान राज्य सरकारों की पेट्रोल से कमाई 2011-12 में 105400 करोड़ थी, जो 2014-15 में 141000 करोड़ हुई और 2017-18 में बढ़कर 186000 करोड़ हो गई. यानी सात साल में 76% की बढ़ोतरी.

पूर्व पेट्रोलियम सेक्रेटरी एससी त्रिपाठी ने एनडीटीवी से कहा, "शार्ट टर्म में तेल कंपनियां अपना प्रॉफिट मार्जिन कम करें. डीलरों का मार्जिन घटाया जाए, सरकार ड्यूटी कम करें. इन तीनों में से किसी भी एक पहल से बढ़ती कीमतों से राहत मिल सकती है.

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लेकिन इस समस्या का स्थायी हल तब माना जा रहा है जब पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी में शामिल कर लिया जाए. पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2014-15 से 2017-18 के बीच भारत सरकार की कुल कमाई 11 लाख 4 हज़ार करोड़ और राज्यों की कुल कमाई 7 लाख 19 हज़ार करोड़ रही. जाहिर है, सरकारें अपनी कमाई में कुछ कटौती के लिए तैयार हो जाएं तो आम लोगों को राहत जी जा सकती है.


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