केंद्रीय कैबिनेट ने अरुणाचल में हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को दी मंजूरी, देश का सबसे ऊंचा बांध बनेगा

अरुणाचल प्रदेश के देबांग में 2880 मेगावाट की परियोजना, फॉसिल फ्यूल का इस्तेमाल नहीं होगा, देश का सर्वाधिक ऊंचा डैम बनेगा

केंद्रीय कैबिनेट ने अरुणाचल में हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को दी मंजूरी, देश का सबसे ऊंचा बांध बनेगा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में एक बड़ी जल विद्युत परियोजना को मंजूरी दी.

नई दिल्ली:

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक पर प्रकाश जावड़ेकर और पीयूष गोयल ने प्रेस को बताया कि बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. एक बड़ी जल विद्युत परियोजना को अरुणाचल प्रदेश में मंजूरी दी गई है. 2880 मेगावाट की परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इसमें फॉसिल फ्यूल का इस्तेमाल नहीं होगा.

उन्होंने बताया कि नेशनल मेडिकल काउंसिल कमीशन के गठन को केंद्र ने मंजूरी दे दी है. प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस का रेगुलेशन भी किया जाएगा. सरकार ने डैम सेफ्टी बिल को मंजूरी दी. यह बिल डैम से संबंधित हादसों की रोकथाम की व्यवस्था करने की दिशा में योगदान देगा. यह अरुणाचल प्रदेश के देबांग में 1600 करोड़ की लागत से 2880 मेगावॉट की परियोजना होगी. 278 मीटर की ऊंचाई वाला यह देश का सर्वाधिक ऊंचा डैम होगा.

उन्होंने बताया कि 5,600 से अधिक बांधों को विनियमित करने के लिए राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण तथा कैबिनेट ने बांध सुरक्षा विधेयक 2019 को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. CCEA ने इलाहाबाद और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच 150 किलोमीटर लंबी तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण की स्वीकृति दे दी गई. 2649.44 करोड़ की परियोजना 2023-24 तक पूरी होगी.

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सहजनवा दोहरीघाट के बीच में नई लाइन बनेगी, जिससे गोरखपुर को बाईपास करते हुए एक अतिरिक्त मार्ग बन जाएगा, जिससे अन्य मार्गों पर ओवरलोड कम होगा. न्यू बोंगईगांव से अग्थोरी लाइन के दोहरीकरण किया जाएगा. यह चार वर्षों में पूर्ण हो जाएगा. यह बक्सा, बरपेटा, बोंगईगांव, नलबारी और कामरूप को सेवाएं प्रदान करेगा. इसके बन जाने से पूरी लाइन पर ओवरलोड समाप्त हो जाएगा, तथा इससे बोगीबिल सेतु का उपयोग करके पूरे पूर्वोत्तर को कनैक्ट करने के लिए यह दोहरीकरण का प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.