चंडीगढ़: पंजाब के सरकारी स्कूलों में जरूरतमंद बच्चों को अभी तक सर्दियों की यूनिफार्म नहीं मिली है। शिक्षा महकमे ने केंद्र से 25 फीसदी ग्रांट मिलने पर स्कूलों को एक छात्र के लिए सिर्फ 100 रुपये जारी किए हैं। इस मामले में अब हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि जितना फंड है उसमें पहली और दूसरी के बच्चों को ही गर्म कपड़े दिए जाएं।
बिना स्वेटर पहने स्कूल आते हैं बच्चे
पंजाब के मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर मोहाली के गांव मसोल में छोटे-छोटे बच्चे बदहाली के बादवजूद कड़ाके की ठंड में स्कूल पढ़ने आते हैं। किसी के बदन पर स्वेटर नहीं है, कोई बिना जूतों के है तो कई फटेहाल हैं। बेहद गरीब तबके से आने वाले बच्चों पर ग्रांट की कमी की मार सबसे ज्यादा पड़ रही है।
केंद्र से जरूरत की सिर्फ 25 फीसदी ग्रांट मिली
महानिदेशक स्कूल शिक्षा की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि कुल बजट 68. 85 करोड़ रुपये की 25 प्रतिशत ग्रांट जारी की गई है। इसके तहत सभी लड़कियों और एससी-एसटी समेत बीपीएल बच्चों को सर्दियों के कपड़े दिए जाएं। कुल 400 रुपये में से सिर्फ 100 रुपये दिए जाने से टीचर भी पसोपेश में हैं। मसोल के सरकारी प्राइमरी स्कूल के टीचर नरेश कुमार कहते हैं कि 'एक स्वेटर एक शर्ट, एक पेंट, शूज, शॉक्स, एक टोपी...सौ रुपये में इतना कुछ मिलेगा क्या, नहीं बिलकुल नहीं।'
बादल सरकार केंद्र की मोहताज
केंद्र सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर साल पंजाब के लगभग 16.50 लाख जरूरतमंद बच्चों के लिए सहायता राशि जारी करती है, लेकिन इस बार सर्दियां शुरू हुए महीना गुजरने को है लेकिन पूरी ग्रांट नहीं मिली। बादल सरकार केंद्र की मोहताज है। शिक्षा मंत्री डॉ दलजीत चीमा कहते हैं,'जो ग्रांट आती है, यूनिफार्म की, वह केंद्र सरकार से आती है और जितनी आई उतनी डिपार्टमेंट ने रिलीज कर दी, हमने काम शुरू कर दिया और सेकंड किस्त आएगी तो पूरी पेमेंट हो जाएगी।'
सिर्फ पहले और दूसरे दर्जे के विद्यार्थियों को मिलेगी यूनिफार्म
जो ग्रांट मिली है उसे फिलहाल खर्च न कर स्कूल के हेडमास्टर पूरी रकम के इंतजार में हैं। फिलहाल बच्चों के पास ठंड से बचने की एक ही तरकीब है कि जल्द से जल्द सर्दियों की छुट्टियां हो जाएं। एक एनजीओ की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने शिक्षा महकमे को पहले और दूसरे दर्जे के बच्चों को प्राथमिकता पर यूनिफार्म मुहैय्या करवाने को कहा है। लेकिन बाकी बच्चों के लिए गरम कपड़ों का इंतजार लंबा रहने वाला है, क्योंकि केंद्र से जल्द रहत आने के आसार नहीं है और बादल सरकार का खजाना खाली है।