केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रामजस कॉलेज मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है
खास बातें
- डीयू एक ऑटोनोमस संस्था है, सरकार इसमें कोई दख़ल नहीं देगी-जावड़ेकर
- विश्वविद्यालयों को देशविरोधी ताकतों का केंद्र न बनने दें- किरेन रिजीजू
- दिल्ली पुलिस ने लापरवाही बरतने में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया
नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रामजस कॉलेज विवाद में सरकार के हस्तक्षेप को ख़ारिज कर दिया है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरे घटनाक्रम पर रिपोर्ट जरुर मांगी है. जावड़ेकर का कहना है कि रामजस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है और डीयू एक ऑटोनोमस संस्था है. इसलिए सरकार इस मामले में कोई दख़ल नहीं देगी. उन्होंने कहा कि पुलिस जांच कर दोषियों के ख़िलाफ़ आवश्यक कार्रवाई करेगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीयू, कॉलेज प्रशासन और छात्रों में से किसी ने भी अबतक सरकार से किसी प्रकार की मदद नहीं मांगी है. वहीं केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरेन रिजीजू का कहना है हर किसी को बोलने की आज़ादी है लेकिनस, विश्वविद्यालयों को देशविरोधी ताकतों का केंद्र नहीं बनने देना चाहिए.
तीन पुलिसकर्मी निलंबित
उधर, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने बताया कि दो हेड कॉन्स्टेबल तथा एक कॉन्स्टेबल को छात्रों तथा मीडियाकर्मियों की पिटाई के मामले में निलंबित कर दिया है.
यह निलंबन विशेष पुलिस आयुक्त एस.बी.के. सिंह द्वारा उन सैकड़ों छात्रों को संबोधित करने के बाद सामने आया है, जो पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. राष्ट्रीय राजधानी के रामजस कॉलेज में छात्रों के दो गुटों के बीच बुधवार को हुई झड़प के दौरान कुछ छात्रों तथा पत्रकारों की पिटाई के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों को गुरुवार को निलंबित कर दिया.
बता दें कि राष्ट्रद्रोह के आरोप में पिछले साल जेल जा चुके जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र उमर खालिद को रामजस कॉलेज में 'विरोध की संस्कृति' नामक साहित्यिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित करने को लेकर रामजस कॉलेज में झड़प हुई थी. इसमें पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कुछ छात्रों और पत्रकारों को चोटों आईं थीं.
(इनपुट आईएएनएस से भी)