यह ख़बर 05 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

ओडिशा सरकार के फैसले से केंद्र नाराज़

खास बातें

  • नक्सलियों की मांगों के आगे झुकते हुए उड़ीसा सरकार के 27 कैदियों को छोड़ने के फैसले से केंद्रीय गृह मंत्रालय नाखुश है। वहीं, राज्य सरकार ने शाम को रिहा होने वाले कैदियों की सूची जारी कर दी।
भुवनेश्वर:

नक्सलियों की मांगों के आगे झुकते हुए ओडिशा सरकार के 27 कैदियों को छोड़ने के फैसले से केंद्रीय गृह मंत्रालय नाखुश है। मंत्रालय का मानना है कि उड़ीसा सरकार ने बहुत जल्दी हथियार डाल दिये। उसको बातचीत में कुछ वक्त लेना चाहिए था।

वहीं शाम के ओडिशा सरकार ने रिहा किए जाने वाले 27 कैदियों के नामों का ऐलान कर सूची जारी कर दी। इस सूची में माओवादियों के सरगना सब्यसाची की पत्नी का नाम भी शामिल है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीव पटनायक ने बीजेडी विधायक झीना हिक्का और इटली के नागरिक पाउलो बोसुस्को की रिहाई के 27 कैदियों की रिहाई का ऐलान करने के साथ सूची भी जारी कर दी है। इस सूची में दो आंध्र के, छह ओडिशा के माओवादियों के नामों का ऐलान किया गया है।

माओवादी दुनियाभर में बदनामी के डर से इटली के नागरिक को मारने की बात नहीं कर रहे थे लेकिन विधायक की जान खतरे में होने के संकेत भेज रहे थे। मंत्रालय को लगता है कि एक बार सफलता मिलने के बाद अब माओवादी बार−बार इस तरह की हरकत करेंगे। गृह मंत्रालय को यह भी लगता है कि ऐसे हार मानने से नक्सलियों के खिलाफ लड़ रहे सुरक्षा बलों के मनोबल पर भी असर पड़ेगा।

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गौरतलब है कि माओवादियों ने अगवा बीजेडी विधायक झीना हिक्का और इटली के नागरिक बोसुस्को की रिहाई के लिए कुछ बंदियों की रिहाई  की शर्तें रखी थीं।