मद्रास, बंबई उच्च न्यायालयों के नाम बदलने के लिए विधेयक पर विचार

नयी दिल्ली:

बंबई और मद्रास के उच्च न्यायालयों का जल्द ही नाम बदला जा सकता है और केंद्र सरकार संसद के एक अधिनियम के माध्यम से दोनों उच्च न्यायालयों का नाम बदलने पर विचार कर रही है।

विधि मंत्रालय ने बंबई और मद्रास उच्च न्यायालयों के नाम शहरों के मौजूदा नामों के अनुरूप करने के लिए एक विधेयक पर काम शुरू कर दिया है।

1990 के दशक में बंबई का नाम मुंबई और मद्रास का नाम चेन्नई किये जाने के बाद से दोनों उच्च न्यायालयों के नाम मुंबई उच्च न्यायालय और चेन्नई उच्च न्यायालय करने की मांग होती रहीं हैं।

भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 के तहत 1860 के दशक में स्थापित दोनों उच्च न्यायालयों का नाम बदलने के लिए विधि मंत्रालय के न्याय विभाग ने विधेयक लाने का प्रस्ताव रखा है।

बंबई उच्च न्यायालय की स्थापना 14 अगस्त, 1862 को की गयी थी। आज के समय में इसकी तीन पीठ नागपुर, औरंगाबाद और गोवा में हैं। मद्रास उच्च न्यायालय की स्थापना भी उक्त समय के आसपास ही हुई थी और इसकी एक पीठ मदुरै में है।

महाराष्ट्र और तमिलनाडु की सरकारों के अलावा अन्य अनेक संगठन भी दोनों उच्च न्यायालयों के नाम बदलने की मांग कर रहे हैं।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

कलकत्ता उच्च न्यायालय का नाम भी बदलकर कोलकाता उच्च न्यायालय करने की मांगें उठती रहीं हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय को देश के पहले उच्च न्यायालय होने का गौरव प्राप्त है जिसकी औपचारिक शुरूआत एक जुलाई, 1862 में की गयी थी।