बैंकों में जमा ग्राहकों के पैसे को लेकर उठ रहे सवाल के बीच सरकार ने विवादित FRDI बिल लिया वापस

सरकार ने विवादास्पद फायनेंशियल रिज़ोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस यानी एफआरडीआई बिल वापस लेने का फैसला किया है

बैंकों में जमा ग्राहकों के पैसे को लेकर उठ रहे सवाल के बीच सरकार ने विवादित FRDI बिल लिया वापस

पीएम मोदी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • मोदी सरकार ने वापस लिया यह फैसला.
  • इस फैसले की चारों ओर से आलोचना हो रही थी.
  • कैबिनेट की मीटिंग में इस बिल को लेकर फैसला हुआ.
नई दिल्ली:

सरकार ने विवादास्पद फायनेंशियल रिज़ोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस यानी एफआरडीआई बिल वापस लेने का फैसला किया है. बुधवार को कैबिनेट ने बिल वापस लेने के फैसले को मंज़ूरी दी. इस बिल के बेल-इन प्रस्ताव पर विपक्ष को एतराज था. बैंकों में जमा ग्राहकों की धनराशि की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे. गुजरात चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया गया था .

आपके बैंक खातों में जमा पैसा कितना सुरक्षित?

फ़िलहाल यह बिल बीजेपी सांसद भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के सामने है. सरकार इसी सत्र में इसे वापस ले लेगी अभी तक ग्राहकों का बैंकों में जमा एक लाख रुपया ही सुरक्षित है विपक्ष काआरोप था कि सरकार ग्राहकों के पैसों से बैंकों की मदद करना चाहती थी. सरकार के मुताबिक विपक्ष केवल भ्रम फैला रहा था सरकार चुनावी साल में कोई भ्रम नहीं चाहती इसलिए बिल वापस होगा.

बता दें कि यह विधेयक लोकसभा में 11 अगस्त 2017 को पेश किया गया था. विधेयक में बैंकों की ‘ संकट में सहायता ’ का प्रावधान किया गया था. कुछ विशेषज्ञों के अनुसार इस उपाय से बैंक में अपनी मेहनत की कमाई जमा रखने वाले ग्राहकों के हितों को चोट पहुंच सकती थी. इस मुद्दे को लेकर राजनीतिज्ञों के साथ साथ विभिन्न पक्षों ने चिंता जताई थी. इसके बाद सरकार ने विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के हवाले कर दिया था.

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